अजब गजब

8वीं फेल संजय अग्रवाल, 2 बार में नहीं पास कर सके थे सीए का एग्‍जाम, जुनून ऐसा कि बना डाला 45 हजार करोड़ का बैंक

हाइलाइट्स

उनकी खुद की नेटवर्थ भी 10 हजार करोड़ रुपये से ज्‍यादा है.
सीए का एग्‍जाम भी दो बार दिया और दोनों बार फेल हो गए.
संजय अग्रवाल के पिता राजस्‍थान इलेक्ट्रिक बोर्ड में इंजीनियर थे.

नई दिल्‍ली. हाल में ही अरबपतियों के क्‍लब में शामिल होने वाले संजय अग्रवाल पढ़ने में बहुत अच्‍छे नहीं थे. स्‍कूली शिक्षा के दौरान ही संजय 8वीं में फेल हो गए और पढ़ाई से मुंह मोड़कर खेल की तरफ जाने का मन बना लिया. उनका सपना क्रिकेटर बनने का था, लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था. संजय ने पढ़ाई खत्‍म करने के बाद बिजनेस की नींव डाली और आज 45 हजार करोड़ का बैंक खड़ा कर दिया. उनकी खुद की नेटवर्थ भी 10 हजार करोड़ रुपये से ज्‍यादा है.

दरअसल, परिवार के प्रेशर में पढ़ाई जारी तो रखी लेकिन उन्‍हें इस फील्‍ड में खुद से ज्‍यादा उम्‍मीदें नहीं थी. यही कारण था कि वे पढ़ाई को पार्ट टाइम और खेल का फुल टाइम के लिए अपनाना चाहते थे. संजय का सपना क्रिकेटर बनने का था और इसीलिए पढ़ाई पर ज्‍यादा जोर नहीं दिया. सीए का एग्‍जाम भी दो बार दिया और दोनों बार फेल हो गए. हालांकि, उनका जुनून काफी कुछ कर गुजरने का था. बिजनेस की तरफ ध्‍यान गया तो छोटी से फाइनेंस कंपनी खोली, जो आज 45 हजार करोड़ का बैंक बन चुका है. संजय आज राजस्‍थान के सबसे अमीर व्‍यक्ति भी बन गए हैं.

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इंग्लिश छोड़ हिंदी मीडियम में आए
संजय अग्रवाल के पिता राजस्‍थान इलेक्ट्रिक बोर्ड में इंजीनियर थे. 8वीं फेल होने के बाद संजय ने इंग्लिश मीडियम छोड़ हिंदी से पढ़ाई शुरू की और अजमेर के सरकारी कॉलेज से कॉमर्स में ग्रेजुएट हुए. इसके बाद उनकी मंशा चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) बनने की थी, लेकिन इंट्रेंस एग्‍जाम में ही 2 बार फेल होने से मनोबल टूट गया. परिवार ने हौंसला बढ़ाया तो तीसरी बार में सीए का एग्‍जाम भी पास कर लिया. कोर्स खत्‍म करके उन्‍होंने मुंबई की एक फर्म में नौकरी भी शुरू कर दी.

घर लौटे और शुरू की फाइनेंस कंपनी
संजय का नौकरी में मन नहीं लगा और वापस अपने घर जयपुर आकर खुद का बिजनेस शुरू किया. 25 साल के संजय के बाद कोई पूंजी नहीं थी तो उन्‍होंने कुछ स्‍थानीय बिजनेसमैन को अपनी फाइनेंस कंपनी में निवेश करने के लिए मनाया. इस तरह छोटी सी पूंजी से एयू स्‍मॉल फाइनेंस बैंक (AU Small Finance Bank) की नींव रखी. शुरुआत में उन्‍होंने छोटे वाहनों और पिकअप आदि को फाइनेंस करना शुरू किया, जिस पर काफी ब्‍याज लेते थे. बिजनेस बढ़ा तो ट्रक और ग्रेनाइट फैक्‍टरी को भी कर्ज बांटा. साल 2000 में उन्‍होंने फाइनेंस बिजनेस को और बढ़ाने की ठानी.

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…फिर मिला बड़ा मौका
संजय को साल 2002 में अपने बिजनेस को बढ़ाने का बड़ा मौका मिला, जब एचडीएफसी बैंक के साथ उन्‍हें पार्टनरशिप का चांज मिला. इसके बाद साल 2009 में मोतीलाल ओसवाल की तरफ से उन्‍हें बड़ी फंडिंग भी हासिल हुई. 20 साल संघर्ष और जुनून के सहारे अपनी कंपनी को चलाते रहने के बाद आखिर साल 2017 में उनकी कंपनी AU Small Finance Bank में बदल गई. इस बैंक का मुख्‍यालय जयपुर में है और देशभर में इसकी 1000 ब्रांचेज हैं. अभी तक बैंक से करीब 30 लाख कस्‍टमर जुड़ चुके हैं, जबकि संजय अग्रवाल की खुद की नेटवर्थ साल 2023 में 10,600 करोड़ रुपये पहुंच चुकी है.

Tags: Bank, Bank FD, Bank Loan, Business news in hindi, Success Story


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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