अजब गजब

दुकान या मकान? ज्यादा पैसा कमाने के लिए कहां लगाएं पैसा, किराये के अलावा भी कुछ बातों का रखना होगा ध्यान

हाइलाइट्स

आय के स्रोत के रूप में प्रॉपर्टी एक बेहतरीन निवेश विकल्प है.
प्रॉपर्टी मार्केट तेजी से बढ़ रहा है और इसमें मंदी के कोई संकेत नहीं है.
जमीन के रेट बढ़ने के साथ दुकानों और घरों का किराया भी बढ़ रहा.

नई दिल्ली. अगर आप प्रॉपर्टी में निवेश कर कमाई करने की योजना बना रहे हैं तो आपके सामने जरूर यह दुविधा होगी कि आपको रिहायशी प्रॉपर्टी (मकान, फ्लैट) में पैसा लगाना चाहिए या फिर कमर्शियल प्रॉपर्टी (दुकान, गोदाम) में निवेश करना चाहिए. इस सवाल का जवाब इतना सीधा नहीं है. इन दोनों ही प्रॉपर्टीज के अपने-अपने फायदे हैं. हालांकि, आपका मुख्य मकसद अगर रेंट से नियमित कमाई ही करना है तो नतीजे पर पहुंचना थोड़ा आसान हो सकता है.

इसके बावजूद फैसला लेने के लिए केवल किराया पर ही ध्यान नहीं केंद्रित करना चाहिए. इससे इतर कुछ और भी चीजें हैं जिन पर ठीक तरह से सोच-विचार करने के बाद ही आपको निवेश की ओर कदम बढ़ाना चाहिए. आइए जानते हैं कि किराये समेत ये कुछ बेहद महत्वपूर्ण बिंदु कौन से हैं.

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किराया
सबसे पहले बात किराये की जो निवेश से पहले विमर्श का शीर्ष बिंदु है. कमर्शियल प्रॉपर्टी का किराया आमतौर पर रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी से अधिक होता है. यह वैसे तो लोकेशन और साइज पर निर्भर करता है लेकिन अगर किसी एरिया में आसपास मौजूद रेजिडेंशियल और कमर्शियल प्रॉपर्टी के बीच किराए की तुलना की जाए तो अधिकांश बार कमर्शियल प्रॉपर्टी आगे निकल जाएगी. हालांकि, यहां एक पेंच यह है कि उस जगह का मार्केट अगर धीमा होता है तो कमर्शियल प्रॉपर्टी के रेट और रेंट नीचे आ जाएंगे जबकि रिहायशी प्रॉपर्टी के किराये पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.

रख-रखाव
कमर्शियल प्रॉपर्टी का किराया भले रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी से ज्यादा मिले लेकिन रिहायशी प्रॉपर्टी के रख-रखाव की जिम्मेदारी मकानमालिक की नहीं होती है. वहीं, कमर्शियल प्रॉपर्टी में ये खर्च भी प्रॉपर्टी के मालिक को ही उठाना होता है. यह एक अतिरिक्त खर्च की तरह बोझ बन सकता है.

किरायेदार
कमर्शियल प्रॉपर्टी अगर किसी प्राइम लोकेशन पर है तो आपको वहां किराये पर दुकान लेने वाले आराम से मिल जाएंगे. लेकिन प्रॉपर्टी अगर मार्केट से बाहर या किसी ऐसी जगह पर है जहां खरीदारी के लोग नहीं जाना चाहेंगे तो आपके लिए कोई किरायेदार ढूंढना मुश्किल होगा. रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी इस मामले में भी अव्वल है. यहां आपको किरायेदार बहुत आसानी से मिल जाएंगे. इसके अलावा कमर्शियल प्रॉपर्टी खरीदना खुद में एक बड़ा टास्क होता है. कुल मिलाकर कमर्शियल प्रॉपर्टी का रेंट ज्यादा है तो रिस्क भी ज्यादा है. आपको निवेश से पहले यह देखना होगा कि आप कितने जोखिम के लिए तैयार हैं.

Tags: Busienss news in hindi, Business news, Earn money, Investment tips, Property market, Real estate


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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