छतरपुर। जिले के मातगुवां और खैरौं गांव के ग्रामीणों ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचआई) द्वारा दी जा रही मुआवजा राशि को मजाक बताते हुए जिला प्रशासन और मुख्यमंत्री से उचित मुआवजे की मांग की है। जनसुनवाई में पहुंचे ग्रामीणों ने अपनी जमीन और संपत्ति के लिए मिल रहे कम मुआवजे और प्रशासन की टालमटोल नीति पर गुस्सा जाहिर किया, साथ ही जबरन संपत्ति छीनने और धमकियों का आरोप लगाया।
मातगुवां निवासी जगदीश मिश्रा ने बताया कि एनएचआई द्वारा उनकी जमीन और संपत्ति के लिए बहुत कम मुआवजा दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि एक लाख रुपये की संपत्ति के लिए मात्र 500 रुपये का मुआवजा देकर खिलवाड़ किया जा रहा है। जब वे कलेक्टर या एसडीएम से शिकायत करते हैं, तो उन्हें एनएचआई के पास भेजा जाता है, और एनएचआई वाले जिला प्रशासन की जिम्मेदारी बताकर पल्ला झाड़ लेते हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि उनकी संपत्ति जबरन छीनी जा रही है और विरोध करने पर जेल भेजने की धमकी दी जाती है। जगदीश ने कलेक्टर और मुख्यमंत्री से गुहार लगाई कि किसानों को उचित मुआवजा दिलवाया जाए, क्योंकि कम मुआवजे से उनका बहुत नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि ज्यादातर लोग किसान हैं और उनके पास वैकल्पिक आजीविका का कोई साधन नहीं है। इस मामले में छतरपुर एसडीएम अखिल राठौर ने कहा कि ग्रामीणों का आवेदन लेकर जांच की जा रही है, जल्द ही उनकी समस्या का समाधान कराया जाएगा।

