छतरपुर के सिविल लाईन थाने से फरार आशा दीक्षित को गिरफ्तार करने विपक्ष ने विधानसभा में सरकार को घेर लिया है, विपक्ष की विधायक चंदा गौर ने मुख्यमंत्री से प्रश्न किये की FIR न. 94/02 में वर्ष 2002 (23 वर्षों) से किसके संरक्षण से 8 हजार की ईनामी आरोपी फरार है, सरकार इस मुद्दे पर विपक्ष को कोई ठोस जबाब नहीं दे सकी।
#गौरतलब हो जिला पुलिस प्रशासन के द्वारा न्यायालय से गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद भी सिविल लाइन पुलिस 15 वर्षों से ज्यादा बीत जाने के बाद भी आज दिनांक तक श्रीमती आशा दीक्षित को गिरफ्तार नहीं कर पाई। श्रीमती आशा दीक्षित के खिलाफ 420 का प्रकरण दर्ज किया गया था उसमें न्यायालय के द्वारा उनका गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था परंतु पुलिस आज दिनांक तक उनको गिरफ्तार नहीं कर पाई। मिली जानकारी के अनुसार सिविल लाइन पुलिस ने अपराध क्रमांक 1269/2010 को 420 का एक प्रकरण दर्ज किया था जिसमें आशा दीक्षित को आरोपी बनाया गया था साथ में दो आरोपी और बनाए गए थे परंतु न्यायालय ने अपना निर्णय सुनाते हुए दो लोगों को दोष मुक्त घोषित किया और श्रीमती आशा दीक्षित के फरार होने पर न्यायालय ने उनका गिरफ्तारी वारंट जारी किया था सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आशा दीक्षित अमेरिका में रहती हैं जिसके चलते उनका गिरफ्तारी वारंट तामील नहीं हो पा रहा है।हालांकि इस प्रकरण में न्यायालय ने प्रकरण पर पुलिस पर सवालिया निशान लगाए हैं और तीन लोगों के खिलाफ जो प्रकरण दर्ज किया गया था उसमें दो लोगों को दोष मुक्त कर दिया है।

