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पुलिस के अनुसार, आरोपी देबाशीष पात्रा और उसकी पत्नी सोनाली डालाल (23) के बीच काफी समय से वैवाहिक विवाद चल रहा था. इसी तनाव को सुलझाने के लिए सोनाली की मां सुमति डालाल 12 जुलाई को अपनी बेटी को लेकर फिर से सुलह के इरादे से दामाद के घर पहुंची थीं. बताया जा रहा है कि पात्रा ने सास को भी बेहद विनम्रता से बुलाया और पत्नी को भी वापस आने के लिए राजी किया. लेकिन किसी को अंदाजा नहीं था कि यह आमंत्रण मौत का न्यौता बन जाएगा.
गुमशुदगी की चाल और गांववालों की सूझबूझ
हत्या के अगले ही दिन देबाशीष ने चालाकी से पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई और ससुराल वालों को बताया कि सोनाली और उसकी मां उसे अपना बेटा सौंपकर मयूरभंज छोड़कर चली गई हैं. कुछ दिन तक वह अपने बेटे के साथ आम जिंदगी जीता रहा. लेकिन गांववालों को उसका व्यवहार और घर के पीछे लगा ताजे केले के पेड़ कुछ अजीब लगा.
पुलिस को मिलीं सड़ी-गली लाशें
पुलिस ने जब बगीचे की खुदाई की तो वहां से दोनों महिलाओं की सड़ी-गली हालत में लाशें बरामद हुईं. उन्हें पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है. देबाशीष को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और हत्या के पीछे की असली वजह की जांच की जा रही है.
गांव में पसरा सन्नाटा
इस जघन्य अपराध ने पूरे गांव को झकझोर दिया है. जो व्यक्ति सुलह के नाम पर अपनी पत्नी और सास को घर लाया, उसी ने सबसे घिनौनी मौत दी और बगीचे में दफन करके हरियाली की नकली परत चढ़ा दी. वहीं गांववाले अभी भी इस सच्चाई पर यकीन नहीं कर पा रहे हैं. कई लोगों ने इसे “इंसान के शरीर में छिपे राक्षस” का नाम दिया है.
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