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नर्मदापुरम जिले के मोहासा बाबई में रिन्युएबल एनर्जी उपकरण पार्क के दूसरे चरण को भी राज्य सरकार ने मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में दूसरे चरण के लिए एमपीआईडीसीएल के अधिपत्य की 1034 एकड़ भूमि दिए जाने को
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इस जमीन में से 750 रिन्युएबल एनर्जी उपकरण पार्क के लिए आरक्षित करने का भी अनुमोदन कर दिया गया। इसके साथ ही उद्योग संवर्धन नीति में दी जाने वाली सुविधाओं और रियायतों को भी मंजूरी दी गई है। निवेशकों को रियायती दर पर भूखंड दिया जाएगा। इसके लिए प्रचलित दर (कलेक्ट्रेट गाइड लाइन) के मूल्य का 25% प्रीमियम पर भूखंड आवंटित किए जाएंगे।
वार्षिक विकास शुल्क 20 समान किश्तों में लिया जाएगा। स्टाम्प ड्यूटी एवं रजिस्ट्रेशन शुल्क की सरकार सौ फीसदी प्रतिपूर्ति सरकार करेगी। यानी बाद में यह राशि 100 फीसदी निवेशकों को वापस कर दी जाएगी। निवेशकों को पानी सप्लाई की जलदर 25 रुपए प्रति किलोलीटर के हिसाब से दिया जाएगा।
भू-अर्जन राशि की गणना के फॉर्मूले को मंजूरी
उज्जैन में औद्योगिक विकास के लिए राज्य सरकार डीएमआईसी विक्रम उद्योगपुरी के विस्तारीकरण के लिए 7 गांवों की खेती की जमीन का भू-अधिग्रहण किया जा रहा है। सीएम मोहन यादव की अध्यक्षता में कैबिनेट में मंगलवार को भू-अर्जन राशि की गणना के फॉर्मूले को मंजूरी दे दी।
राजमार्ग के समीप मौजूद नरवर गांव की जमीन 87,82,500 रुपए प्रति हेक्टेयर के मान से अधिग्रहित की जाएगी। यहां प्रचलित बाजार मूल्य एवं वर्तमान कलेक्टर गाइडलाइन (वर्ष 2025-26) में 1.15 करोड रुपए प्रति हेक्टेयर है। मुंजाखेडी, गावडी और पिपलोदा द्वारकाधीश गांव की जमीन की गणना 55 लाख प्रति हेक्टेयर के मान से की जाएगी।
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