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मंगलवार को एंबुलेंस में 13 महिलाओं को ले जाने का वीडियो सामने आने के बाद जारी किया प्रेस नोट।
छतरपुर में बागेश्वर धाम से 54 लोगों को उनके घर वापस भेज दिया गया है। इन लोगों पर संदिग्ध गतिविधियों में शामिल होने और अपनी पहचान छुपाकर रहने के आरोप थे।
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ये कार्रवाई सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात लवकुशनगर थाना क्षेत्र की पठा चौकी के पास पुलिस ने एक एंबुलेंस में 13 महिलाओं को ले जाते हुए पकड़ा था। पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया गया था। इसके बाद एक वीडियो सामने आया था जिसमें महिलाओं ने बागेश्वर धाम समिति पर मारपीट और बिना जानकारी के ले जाने के आरोप लगाए थे।
‘असामाजिक तत्व यहां अवैध गतिविधियां संचालित कर रहे थे’ इस मामले पर स्पष्टीकरण देते हुए बागेश्वर धाम ने बुधवार को एक प्रेस नोट जारी किया। इसमें कहा गया कि कई असामाजिक तत्व यहां आकर अवैध गतिविधियां संचालित कर रहे थे। ऐसे लोगों की संदेहात्मक गतिविधियों के कारण उन्हें हिदायत दी गई कि वे अपने घर चले जाएं। बागेश्वर जन सेवा समिति के सदस्य आकाश अग्रवाल ने बताया कि बागेश्वर धाम में पिछले कई दिनों से ऐसे लोगों की गतिविधियां धाम की व्यवस्था खराब कर रही थी।
‘पहचान छुपाकर महिलाएं काफी समय से धाम में रह रही थीं’ उन्होंने बताया कि ऐसे लोगों के खिलाफ कई बार मौखिक शिकायतें मिलीं। इस पर बागेश्वर धाम चौकी और बागेश्वर जन सेवा समिति ने होटल संचालकों और होम स्टे संचालकों से जानकारी एकत्रित की। जांच में सामने आया कि फूल-माला विक्रय सहित अन्य सामग्री बेचने वाली कुछ महिलाएं अपने परिवार और पहचान छुपाकर धाम में काफी समय से रह रही थीं।
‘धाम की गाड़ी से बस स्टैंड-रेलवे स्टेशनों तक पहुंचाया गया’ पुलिस ने समिति के सदस्यों के साथ ऐसे अवांछित व्यक्तियों को समझाइश देकर धाम में अनावश्यक न रुकने की हिदायत दी। कुछ लोगों ने किराया न होने का बहाना बनाया लेकिन घर जाने की सहमति दी। ऐसे लोगों को किराया देकर धाम की गाड़ी से आसपास के बस स्टैंड और रेलवे स्टेशनों तक पहुंचाया गया। बागेश्वर धाम ने एक लिस्ट भी जारी की है जिसमें अलग-अलग प्रदेशों के 54 लोगों के नाम शामिल हैं जिन्हें वापस उनके घर भेजा गया है।
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