Home अजब गजब Success Story of Neeraj Chopra refurbished mobile business – पहले दो ब‍िजनेस...

Success Story of Neeraj Chopra refurbished mobile business – पहले दो ब‍िजनेस में फेल हुआ, फ‍िर 3 साल में ही खड़ी कर दी 200000000 रुपये की कंपनी

18
0

[ad_1]

Last Updated:

Success Story of Neeraj Chopra: साल 2020 में 8 से 10 लोगों के साथ काम शुरू क‍िया था और अब कंपनी ने महज तीन साल में 20 करोड़ का टर्नओवर पार कर ल‍िया है.

Success Story of Neeraj Chopra: अपने पिता के स्थापित व्यवसाय में शुरुआती असफलताओं का सामना करने से लेकर अपने खुद के रिफर्बिश्ड मोबाइल फोन व्यवसाय की स्थापना तक, नीरज चोपड़ा की उद्यमशीलता की यात्रा में एक बॉलीवुड ब्लॉकबस्टर की सभी खूबियां हैं- ड्रामा, असफलताएं, एक अनोखा आइड‍िया, और एक प्रभावशाली वापसी. आज जब हर किसी के हाथ में मोबाइल फोन है, नीरज ने इसी डिवाइस को करोड़ों का व्यवसाय बना दिया. बिना किसी बड़े निवेश या मार्केटिंग के, उन्होंने एक स्टार्टअप शुरू किया जिसका नाम है Zobox, जो पुराने मोबाइल फोन को रिफर्बिश करता है और उन्हें फिर से बेचता है और यह सब पर्यावरण के अनुकूल तरीके से करता है.

सिर्फ 3 साल में, Zobox ने 20 करोड़ रुपये का टर्नओवर हासिल किया है. Zobox पर उपलब्ध मोबाइल फोन कई प्रसिद्ध ब्रांडों के होते हैं, जिससे हर ग्राहक के लिए कुछ न कुछ जरूर होता है. दिल्ली स्थित Zobox के संस्थापक नीरज ने Weekend Leader से कहा क‍ि रिफर्बिश्ड मोबाइल फोन चुनने से हमारे ग्राहकों को पैसे बचाने का मौका मिलता है और साथ ही वे एक स्थायी भविष्य बनाने में योगदान देते हैं. हम पर्यावरण के अनुकूल विकल्पों को बढ़ावा देने और जिम्मेदार उपभोक्तावाद को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

तीन साल में 20 करोड़ रुपये का किया कारोबार: नीरज का जन्म दिल्ली के एक व्यवसायिक परिवार में हुआ था. नीरज के शुरुआती व्यवसायिक अनुभव संघर्ष और सीखने से भरे थे. उनके पिता, जो कीटनाशक और बीजों का व्यापार करते थे, बाद में दिल्ली के प्रसिद्ध ओल्ड लाजपत राय मार्केट में इलेक्ट्रॉनिक घटकों के थोक व्यापार में चले गए.

नीरज ने 1998 में नेवल पब्लिक स्कूल, दिल्ली से अपनी कक्षा 12 की पढ़ाई पूरी की और इसके बाद नीरज ने दिल्ली विश्वविद्यालय के सत्यवती कॉलेज से बी.कॉम की पढ़ाई की. जब नीरज ने कॉलेज की पढ़ाई शुरू की, तो उनके पिता ने उन्हें पारिवारिक व्यवसाय के बारे में सिखाने के लिए अपने साथ लिया.

18 साल की उम्र में, उन्हें व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने के लिए अपने चाचा के साथ काम करने के लिए हांगकांग भेजा गया. हांगकांग में उनका जीवन चीन से इलेक्ट्रॉनिक घटकों का आयात करने और फिर उन्हें भारत में बेचने पर केंद्रित था.

साल 2010 में अपने चाचा की मृत्यु के बाद, नीरज भारत लौट आए और फैम‍िली ब‍िजनेस में शामिल हो गए. हालांकि, देश में काम करना उनके लिए चुनौतीपूर्ण साबित हुआ. बाद में उन्होंने रियल एस्टेट और पावर बैंक जैसे क्षेत्रों में अपने खुद के ब‍िजनेस शुरू किए, लेकिन दोनों में नुकसान का सामना करना पड़ा.

उन्होंने देखा कि जैसे Cars24 पुरानी कारों को फिर से बेचता है, वैसे ही मोबाइल फोन को भी मरम्मत और फिर से बेचा जा सकता है. इसी आइड‍िया ने Zobox की शुरुआत की, एक स्टार्टअप जो पुराने मोबाइल फोन की मरम्मत और रिफर्बिशिंग करता है और उन्हें सस्ते दामों पर बेचता है.

homebusiness

पहले दो ब‍िजनेस में फेल हुआ, फ‍िर 3 साल में ही खड़ी कर दी 200000000 की कंपनी

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here