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छिंदवाड़ा जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के पास स्थित सीडब्ल्यूएसएन छात्रावास में रह रही एक 10 वर्षीय दिव्यांग बच्ची ने हॉस्टल की महिला कर्मचारी पर गर्म वस्तु से दागने के आरोप लगाए हैं। बच्ची ने बताया कि जब उसने हाथ में बंधे धार्मिक धागे को काटने से इन
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बच्ची के मुताबिक, यह धागा उसके माता-पिता ने किसी बीमारी के इलाज हेतु बंधवाया था और इसे न काटने की सख्त हिदायत दी थी। सोमवार को बच्ची ने जब मैडम पाटिल को यह बात समझाने की कोशिश की, तो उन्होंने उसकी बात अनसुनी कर दी और कथित रूप से अमानवीय व्यवहार किया।
गांव में बच्ची ने बताई आपबीती
परिजनों ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही वह उसे हॉस्टल से चौरई ब्लॉक के लिखड़ी गांव ले गए। वहां बच्ची ने परिवारजनों को पूरी घटना बताई। परिजनों के अनुसार बच्ची के हाथों पर जलने के स्पष्ट निशान हैं और इस घटना का गहरा मानसिक असर उस पर पड़ा है।
महिला कर्मचारी बोली- बच्ची झूठी कहानी बना रही
महिला कर्मचारी आराधना पाटिल मैडम ने सभी आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहा कि बच्ची जानबूझकर झूठी कहानी बना रही है। ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है, बच्ची एकतरफा आरोप लगा रही हैं।
ग्रामीणों ने किया मौन प्रदर्शन
घटना से आक्रोशित लिखड़ी गांव के ग्रामीण और परिजन मंगलवार को सीडब्ल्यूएसएम छात्रावास पहुंचे और मौन धरने पर बैठ गए। ग्रामीणों ने मांग की है कि मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाए।
ग्रामीणों और सामाजिक संगठनों ने मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। फिलहाल बच्ची का इलाज ग्रामीण स्तर पर किया जा रहा है और परिजन मानसिक सलाह के लिए भी उसे विशेषज्ञों के पास ले जाने की तैयारी में हैं।
विभागीय अधिकारी गजेंद्र ठाकुर ने बताया-
परिजन केवाईसी अपडेट कराने की बात कहकर बच्ची को अपने साथ ले गए। यदि उन्हें कोई शिकायत थी तो पहले हॉस्टल या विभाग से संपर्क करना चाहिए था। मामले की जांच कराएंगे।

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