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IAS जावेद हुसैन: पलामू जिले के उप विकास आयुक्त के रूप में नई उम्मीद.

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IAS Javed Hussain Story: IAS मो. जावेद हुसैन पलामू जिले में उप विकास आयुक्त नियुक्त हुए हैं. उन्होंने मेदिनीनगर में नगर आयुक्त रहते हुए शहरी विकास और प्रशासनिक सुधारों में उल्लेखनीय काम किया था.

IAS मो. जावेद हुसैन को पलामू जिले में उप विकास आयुक्त के पद पर कार्यरत हैं. बता दें कि 2019 बैच के झारखंड कैडर के इस अधिकारी की नियुक्ति से जिले में विकास कार्यों को नई गति मिलने की उम्मीद है. इससे पहले वे मेदिनीनगर नगर निगम के नगर आयुक्त पद पर कार्यरत थे, जहां उन्होंने शहरी विकास और प्रशासनिक सुधारों में उल्लेखनीय काम किया.

IAS मो. जावेद हुसैन को पलामू जिले में उप विकास आयुक्त के पद पर कार्यरत हैं. बता दें कि 2019 बैच के झारखंड कैडर के इस अधिकारी की नियुक्ति से जिले में विकास कार्यों को नई गति मिलने की उम्मीद है. इससे पहले वे मेदिनीनगर नगर निगम के नगर आयुक्त पद पर कार्यरत थे, जहां उन्होंने शहरी विकास और प्रशासनिक सुधारों में उल्लेखनीय काम किया.

जावेद हुसैन झारखंड के कोडरमा जिले के रहने वाले हैं. उनके पिता वन विभाग में हेड क्लर्क के पद से रिटायर हुए हैं, जबकि उनकी मां एक गृहणी हैं. उनके परिवार में दो भाई और एक बहन हैं. उनका बड़ा भाई आबिद हुसैन बीएसएनएल में इंजीनियर है. साधारण पृष्ठभूमि से होने के बावजूद आईएएस जावेद हुसैन ने असाधारण मुकाम हासिल किया.

जावेद हुसैन झारखंड के कोडरमा जिले के रहने वाले हैं. उनके पिता वन विभाग में हेड क्लर्क के पद से रिटायर हुए हैं, जबकि उनकी मां एक गृहणी हैं. उनके परिवार में दो भाई और एक बहन हैं. उनका बड़ा भाई आबिद हुसैन बीएसएनएल में इंजीनियर है. साधारण पृष्ठभूमि से होने के बावजूद आईएएस जावेद हुसैन ने असाधारण मुकाम हासिल किया.

15 फरवरी 2019 का दिन जावेद के लिए बेहद अहम था. इसी दिन उनका UPSC इंटरव्यू था. उन्हें बताया गया कि इंटरव्यू के दौरान ज़्यादातर सवाल भारतीय रेलवे और इंटरनेशनल अफेयर्स से जुड़े थे. जैसे एक सवाल पूछा गया —

15 फरवरी 2019 का दिन जावेद के लिए बेहद अहम था. इसी दिन उनका UPSC इंटरव्यू था. उन्हें बताया गया कि इंटरव्यू के दौरान ज़्यादातर सवाल भारतीय रेलवे और इंटरनेशनल अफेयर्स से जुड़े थे. जैसे एक सवाल पूछा गया-अगर कोई रेल पटरी से उतर जाए तो आप अफसर के रूप में क्या करेंगे?”<br />इसके अलावा उनसे भारत-चीन संबंध, राज्य की इकोनॉमी और पारसनाथ जैन तीर्थ से जुड़े सवाल भी पूछे गए.

इंटरव्यू के आखिरी में चेयरमैन ने उनसे एक सवाल पूछा. ये इंटरव्यू के दौरान आखिरी में चेयरमैन के द्वारा एक सवाल पूछा गया. इस सवाल का जवाब उन्होंने बड़े प्रभावी तरीके से दिया.

इंटरव्यू के आखिरी में चेयरमैन ने उनसे एक सवाल पूछा. इस सवाल का जवाब उन्होंने बड़े प्रभावी तरीके से दिया. इसके बाद इनकी किस्मत बदल गई.

आईएएस जावेद हुसैन ने बताया कि इंटरव्यू के आखिरी में चेयरमैन के द्वारा

आईएएस जावेद हुसैन ने बताया कि इंटरव्यू के आखिरी में चेयरमैन के द्वारा “आप किसी रिमोट ट्राइबल गांव में बिजली कैसे पहुंचाएंगे?” सवाल पूछा गया. इस सवाल ने उन्हें सोचने पर मजबूर कर दिया, लेकिन उन्होंने ठोस और व्यावहारिक उत्तर दिया.

उन्होंने कहा, पहला कदम होगा सोलर लाइटिंग. फिर स्मॉल हाइड्रो प्रोजेक्ट्स का विकल्प तलाशेंगे और अंततः दीर्घकालिक समाधान के लिए पीएम विद्युतीकरण योजना के तहत बिजली पहुंचाई जाएगी. जावेद हुसैन ने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है, इसलिए तकनीकी सवालों का उन्होंने प्रभावशाली तरीके से जवाब दिया. उनकी इस विषय पर पकड़ ही उनकी सबसे बड़ी ताकत बन गई. वे बताते हैं कि यूपीएससी जैसी परीक्षा में तकनीकी और व्यवहारिक ज्ञान का संतुलन बहुत जरूरी है.

उन्होंने कहा, पहला कदम होगा सोलर लाइटिंग. फिर स्मॉल हाइड्रो प्रोजेक्ट्स का विकल्प तलाशेंगे और अंततः दीर्घकालिक समाधान के लिए पीएम विद्युतीकरण योजना के तहत बिजली पहुंचाई जाएगी. जावेद हुसैन ने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है, इसलिए तकनीकी सवालों का उन्होंने प्रभावशाली तरीके से जवाब दिया. उनकी इस विषय पर पकड़ ही उनकी सबसे बड़ी ताकत बन गई. वे बताते हैं कि यूपीएससी जैसी परीक्षा में तकनीकी और व्यवहारिक ज्ञान का संतुलन बहुत जरूरी है.

IAS हुसैन का मानना है कि यदि कोई नौकरी कर रहा हो और साथ ही UPSC की तैयारी कर रहा हो तो कम से कम दो प्रयास अवश्य करने चाहिए. लेकिन यदि ऐसा संभव न हो तो आपको निर्णय लेना होगा कि क्या छोड़ना है. तैयारी के लिए एक ठोस रणनीति जरूरी है — जैसे समय प्रबंधन, विषय चयन और मॉक इंटरव्यू की प्रैक्टिस.

IAS हुसैन का मानना है कि यदि कोई नौकरी कर रहा हो और साथ ही UPSC की तैयारी कर रहा हो तो कम से कम दो प्रयास अवश्य करने चाहिए. लेकिन यदि ऐसा संभव न हो तो आपको निर्णय लेना होगा कि क्या छोड़ना है. तैयारी के लिए एक ठोस रणनीति जरूरी है — जैसे समय प्रबंधन, विषय चयन और मॉक इंटरव्यू की प्रैक्टिस.

मेदिनीनगर में नगर आयुक्त रहते हुए जावेद हुसैन ने शहरी विकास, स्वच्छता अभियान और प्रशासनिक सुधारों को गति दी. उनकी कार्यशैली में पारदर्शिता, जनसंपर्क और तकनीक का समावेश प्रमुख रहा. अब उप विकास आयुक्त के रूप में उनकी भूमिका निभा रहे.

मेदिनीनगर में नगर आयुक्त रहते हुए जावेद हुसैन ने शहरी विकास, स्वच्छता अभियान और प्रशासनिक सुधारों को गति दी. उनकी कार्यशैली में पारदर्शिता, जनसंपर्क और तकनीक का समावेश प्रमुख रहा. अब उप विकास आयुक्त के रूप में उनकी भूमिका निभा रहे.

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