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1969 में अमेरिका की फोर्ड मोटर्स के साथ पार्टनरशिप ने एस्कॉर्ट्स को इंटरनेशनल बना दिया. 1971 में जब फोर्ड 3000 ट्रैक्टर इंडिया में लॉन्च हुआ, तो वो हर खेत का हीरो बन गया. इसके बाद Farmtrac और Powertrac जैसे नाम किसानों की जुबान पर चढ़ गए. 1983 में यामाहा के साथ बाइक भी बनी राजदूत और RX100 जैसे आइकॉनिक मॉडल. लेकिन फिर 2001 में कंपनी ने फोकस बदला और सिर्फ ट्रैक्टर और कंपोनेंट्स पर ध्यान दिया. पोलैंड में प्लांट लिया, और 2019 से इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर का कमाल अमेरिका और यूरोप में दिखा दिया. 2020 में जब जापान की Kubota ने ₹9,370 करोड़ लगा दिए और 53.5% हिस्सेदारी ले ली, तब ये सिर्फ कंपनी नहीं रही, ये किसानों की क्रांति बन गई.
अब ये सिर्फ एक कंपनी नहीं, कमाई का महारथी है
अब एस्कॉर्ट्स खेतों तक सीमित नहीं
चार प्लांट इंडिया में और एक पोलैंड में, हर साल 3 लाख ट्रैक्टर और 50 लाख ऑटो पार्ट्स बनते हैं. कंस्ट्रक्शन मशीनरी, रेलवे ब्रेक सिस्टम से लेकर इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर तक, एस्कॉर्ट्स कुबोटा अब हर उस सेक्टर में है जहां मशीनें चलती हैं. EKFL नाम की फाइनेंस विंग किसानों को आसान कर्ज देती है. 2028 तक ₹22,500 करोड़ कमाने और देश का दूसरा सबसे बड़ा प्लेयर बनने का टारगेट सामने है.ट
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