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Former MLA Rajendra Saluja will not get pension | पूर्व विधायक राजेंद्र सलूजा को नहीं मिलेगी पेंशन: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- न्याय हुआ, यह तभी माना जाएगा, जब इन्हें पेंशन न दी जाए – Guna News

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पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह सलूजा।

गुना के पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह सलूजा अब विधायक पेंशन के हकदार नहीं होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए कहा कि न्याय तभी माना जाएगा, जब उन्हें पेंशन का लाभ न मिले। कोर्ट ने यह फैसला एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान सुनाया।

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वर्ष 2008 में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित गुना विधानसभा सीट से सलूजा ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था। भाजपा उम्मीदवार का नामांकन रद्द होने के बाद पार्टी ने उन्हें समर्थन दिया था। उन्होंने सांसी समुदाय का प्रमाण पत्र लगाकर चुनाव लड़ा और विधायक बने।

जाति प्रमाण पत्र हुआ था निरस्त विधानसभा पहुंचने के बाद कांग्रेस नेताओं ने उनकी जाति पर सवाल उठाए और शिकायत दर्ज कराई। जांच के बाद 10 अगस्त 2011 को उनका जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया गया। हाई कोर्ट और फिर रिव्यू पिटीशन में भी उन्हें राहत नहीं मिली।

एक कार्यक्रम के दौरान राजेंद्र सिंह सलूजा।

एक कार्यक्रम के दौरान राजेंद्र सिंह सलूजा।

वंदना मांडरे ने दाखिल की थी जनहित याचिका वर्ष 2016 में पार्षद वंदना मांडरे ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें मांग की गई थी कि चूंकि सलूजा फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर विधायक बने थे, इसलिए उन्हें पेंशन और अन्य सुविधाएं नहीं दी जाएं।

सलूजा ने खुद कहा- नहीं लूंगा पेंशन सुनवाई के दौरान सलूजा ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया कि वह पूर्व विधायक पेंशन नहीं लेंगे। उन्होंने बताया कि उन्होंने 27 मार्च और फिर 1 अप्रैल को जिला कोषालय अधिकारी को पत्र लिखकर पेंशन बंद करने और खाते में आई राशि वापस लेने का आग्रह किया था।

कोर्ट का अंतिम फैसला कोर्ट ने सुनवाई के बाद कहा कि चूंकि सलूजा एससी वर्ग के नहीं थे, इसलिए गुना सीट से चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य थे। उन्होंने पांच साल का कार्यकाल जरूर पूरा किया, लेकिन न्याय की दृष्टि से उन्हें पेंशन नहीं दी जा सकती। साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ता वंदना मांडरे पर हाई कोर्ट द्वारा लगाई गई 50 हजार की कॉस्ट भी माफ कर दी।

सलूजा पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष भी रह चुके हैं।

सलूजा पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष भी रह चुके हैं।

फैसले की प्रमुख बातें:

  • सलूजा अब पूर्व विधायक पेंशन नहीं लेंगे।
  • कोर्ट ने कहा, यह न्याय तभी होगा जब उन्हें कोई लाभ न मिले।
  • जाति प्रमाण पत्र फर्जी था, जिससे आरक्षित सीट से चुनाव लड़ा गया।
  • याचिकाकर्ता पर हाई कोर्ट की 50 हजार की कॉस्ट माफ की गई।

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