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Bihar Elections 2025: बिहार चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस तैयार है लेकिन… तेजस्वी के ‘बहिष्कार’ वाले बयान पर सिंघवी ने दिया बड़ा संकेत

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नई दिल्ली. कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव के बहिष्कार की धमकी देने संबंधी राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव के बयान से चुनाव में समान अवसर की स्थिति नहीं होने की पीड़ा झलकती है. मुख्य विपक्षी दल ने यह भी कहा कि वह चुनाव लड़ने के लिए तैयार है, लेकिन सभी विकल्प खुले हुए हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि चुनाव के बहिष्कार का सवाल ‘समयपूर्व’ है, लेकिन अगर ऐसा सामूहिक निर्णय लिया जाता है, तो यह निर्वाचन आयोग की विश्वसनीयता के लिये बड़ा झटका होगा.

उन्होंने तेजस्वी यादव के बयान के बारे में पूछे जाने पर संवाददाताओं से कहा, ‘यह एक महत्वपूर्ण सवाल है, जो अभी समयपूर्व है. बयान को न देखें, इसके पीछे की भावना को देखें… इसके पीछे की भावना दर्द, पीड़ा, गुस्से की है. वो यह है कि हम पूरी तरह तैयार हैं, लेकिन मैदान एकतरफा, असमान क्यों है, यही इसका संदेश है.’

तेजस्वी यादव ने हाल ही में धमकी दी थी कि अगर निर्वाचन आयोग मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर अड़ा रहा, तो वह आगामी विधानसभा चुनाव का बहिष्कार कर सकते हैं. बिहार में इस साल अक्टूबर नवंबर में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है.

सारे विकल्प खुले हैं…
कांग्रेस के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरू ने भी कहा कि ‘इंडिया’ गठबंधन की ओर से सामूहिक रूप से कोई निर्णय लिया जाएगा. राजद नेता तेजस्वी यादव ने बृहस्पतिवार को कहा कि बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर पैदा विवाद के मद्देनजर उनकी पार्टी के पास आगामी चुनाव का बहिष्कार करने का ‘विकल्प खुला’ है. तेजस्वी यादव के बयान के बारे में कांग्रेस का पक्ष पूछे जाने पर अल्लावरू ने संवाददाताओं से कहा, ‘सारे विकल्प खुले हुए हैं.’

उन्होंने कहा, “चुनाव आयोग ने एसआईआर के जरिए तुगलकी प्रक्रिया शुरू की है। हमारा मानना है कि जितने भी आंकड़े चुनाव आयोग द्वारा दिए जा रहे हैं, वो सरासर गलत हैं.” उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने 24 जून को जो प्रक्रिया अपने आदेश में लिखी है, उसका पालन नहीं हो रहा है, इसलिए चुनाव आयोग जो भी आंकड़े अपनी वेबसाइट या कहीं और दिखा रहा है, वो सरासर झूठे हैं.

कांग्रेस नेता ने कहा, “बिहार की जनता की तरफ से हम मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार जी को खुलेआम चुनौती देते हैं कि हर विधानसभा क्षेत्र में सिर्फ एक-एक हज़ार लोगों को चुना जाए और उनसे बात करके यह देखा जाए कि प्रक्रिया का पालन हो रहा है कि नहीं.” उन्होंने दावा किया, “अगर आंकड़े 25 प्रतिशत भी सही निकल के आ जाते हैं तो हम इस प्रक्रिया को मानने के लिए तैयार हैं. हकीकत यह है कि जो प्रमाण पत्र मांगे गए हैं, वो लोगों के पास हैं नहीं.”

अल्लावरू ने कहा, “बीएलओ मनमानी से हस्ताक्षर करके फॉर्म भर रहे हैं, कहीं-कहीं तो भाजपा के नेता बैठकर फॉर्म भर रहे हैं। जहां भी लोगों के नाम जुड़ रहे हैं, वहां रसीद नहीं दी जा रही है.” उनके अनुसार, इस प्रक्रिया की सबसे बड़ी कमज़ोरी यह है कि अंत में ईआरओ का निर्णय ही होगा कि किसको मतदाता सूची में रखें और किसको निकालें.

उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्य चुनाव आयुक्त के होते हुए अगर ऐसी प्रक्रिया ज़बरदस्ती बिहार और देश पर थोपी जा रही है, तो इसका सीधा सा मतलब है कि ज्ञानेश कुमार, भाजपा के साथ खुलेआम मिलकर बिहार में गरीब, युवा, महिला,वंचित, शोषित, पिछड़ा, अति पिछड़ा, दलित और महादलित का वोट चोरी कर रहे हैं.

अल्लावरू ने कहा, “चुनाव की चोरी की तैयारी चल रही है. पूरा ‘इंडिया’ गठबंधन एसआईआर के खिलाफ संसद से सड़क तक विरोध जता रहा है. हम इस प्रक्रिया को नहीं मानेंगे, क्योंकि यह फर्जी प्रक्रिया है। चुनाव और वोट की चोरी की प्रक्रिया है.” यह पूछे जाने पर कि क्या विपक्षी गठबंधन एसआईआर के विरोध में जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर को भी साथ लेगा तो कांग्रेस नेता ने कहा, “जो भी एसआईआर का विरोध करता है, उसका स्वागत है। लेकिन जो इसका विरोध नहीं करेगा वो भाजपा की ‘बी टीम’ है.”

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