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सीजेआई बनने के बाद बीआर गवई पहली बार अपने पैतृक गांव पहुंचे. (फाइल फोटो)सीजेआई ने कहा कि मैं मुख्य न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद कोई भी सरकारी पद स्वीकार नहीं करूंगा. प्रधान न्यायाधीश ने अपने भाषण में बचपन की यादों को ताजा करते हुए कहा कि गांव में विभिन्न स्थानों पर मिले स्वागत से मैं अभिभूत हूं. हालांकि ये यहां मेरा आखिरी सत्कार (सम्मान) है, क्योंकि इसके बाद मैं सत्कार स्वीकार नहीं करूंगा.
बता दें कि जस्टिस बीआर गवई ने 14 मई को देश के 52वें सीजेआई के रूप में शपथ ली थी. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें शपथ दिलाई थी. सीजेआई संजीव खन्ना का कार्यकाल 13 मई को खत्म हो गया था. गवई देश के दूसरे दलित मुख्य न्यायाधीश हैं. उनसे पहले जस्टिस केजी बालाकृष्णन इस पद पर आसीन रहे थे. जस्टिस बालाकृष्णन साल 2007 में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बने थे.
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h…और पढ़ें
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h… और पढ़ें
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