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INDIAN COAST GUARD NEWS: कोस्ट गार्ड भारतीय समुद्री सीमा की रक्षा में जुटी है. अंतर्राष्ट्रीय नियमों के मुताबिक तट से लेकर 200 नॉटिकल मील दूर तक का पूरा इलाका एक्सक्लूसिव जोन माना जाता है. भारतीय EEZ की सुरक्षा…और पढ़ें
कोस्ट गार्ड में शामिल होगा एडवांस पॉल्यूशन कंट्रोल शिपहाइलाइट्स
- समुद्र प्रचेत करेगा पर्यावरण की रक्षा.
- ICG के बेड़े में शामिल होंगे 2 पॉल्यूशन कंट्रोल वेसेल.
- गोवा शिपयार्ड लिमिटेड ने स्वदेशी वेसेल बनाए.
समुद्र प्रचेत की खासियत
इन जहाजों को कोस्ट गार्ड की जरूरतों को ध्यान में रखकर गोवा शिपयार्ड लिमिटेड ने खुद ही डिजाइन किया है. जहाज की लंबाई 114.5 मीटर और चौड़ाई 16.5 मीटर है. इसका कुल वजन 4170 टन होगा. यह स्टेट ऑफ आर्ट रिस्पॉंस इक्विपमेंट से लैस है. यह एडवांस पॉल्यूशन कंट्रोल वेसेल भारतीय EEZ यानी एक्सक्लूसिव इकॉनोमिक जोन में किसी भी तेल रिसाव के हालात में तेज और प्रभावी प्रतिक्रिया देने में मदद करेगा.
25 मई को लाइबेरिया फ्लैग वाला कंटेनर जहाज MV MSC ELSA 3 डूब गया. यह जहाज केरल के अलप्पुझा तट के पास लगभग 15 समुद्री मील दक्षिण-पश्चिम में डूबा. जहाज के क्रू को कोस्ट गार्ड ने बचा लिया. लेकिन सबसे बड़ा खतरा था डूबे हुए जहाज से कंटेनर और तेल रिसने का. इस समुद्री दुर्घटना ने पर्यावरणीय चिंताओं को बढ़ा दिया है. शिप के डूबने के 2-3 घंटे के अंदर ही कोस्ट गार्ड ने अपने ऑपरेशन को शुरू कर दिया था. अलप्पुझा तट तक इसे ना पहुंचने देने के लिए खास उपकरण और कैमिकल का छिड़काव कर के उसे नियंत्रित किया गया. तेल के अलावा इस कंटेनर में 640 कंटेनर थे, जिनमें 13 रासायनिक सामग्री और 12 कैल्शियम कार्बाइड से भरे थे. इसके बाद 9 जून को कोच्चि के पास सिंगापुर के फ्लैग वाले कंटेनर शिप वॉन हाई 503 (WAN HAI 503) में ब्लास्ट हुआ था. यह जहाज कोलंबो से मुंबई न्हावा शेवा पोर्ट जा रहा था. इस शिप में IMDG यानी इंटरनेशनल मेरिटाइम डेंजरस गुड्स भी मौजूद था. कुल 1754 कंटेनरों में से 157 कंटेनरों में इंटरनेशनल मेरिटाइम डेंजरस गुड्स (IMDG) था। इस IMDG में सॉलिड ज्वलनशील पदार्थ, अल्कोहल के साथ नाइट्रो सेलुलोस और अन्य पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले पदार्थ थे. इसके अलावा जहाज में 2007 मीट्रिक टन वेरी लो सल्फर फ्यूल ऑयल (VLSFO) और 242 मीट्रिक टन MGO यानी मरीन गैस फ्यूल मौजूद था. प्रदूषण की रोकथाम के लिए कोस्ट गार्ड को खूब मशक्कत करनी पड़ी.
हर साल हो रही कोस्ट गार्ड ताकतवर
कोस्ट गार्ड ने तकरीबन पांच दशक पहले अपनी शुरुआत केवल 7 समुद्री प्लेटफार्मों से की थी. चुनौतियों के बढ़ने के साथ उनसे निपटने के लिए उनकी ताकत में भी इजाफा किया गया. इस वक्त कोस्ट गार्ड के पास 151 जहाज और 76 एयरक्राफ्ट मौजूद हैं. कोस्ट गार्ड का लक्ष्य है, साल 2030 तक अपने बेड़े की ताकत को 200 समुद्री प्लेटफार्म और 100 विमानों तक पहुंचाना. ICG भारत के 4.6 मिलियन वर्ग किलोमीटर के इलाके में 24 घंटे निगरानी बनाए रखता है. हर दिन 55 से 60 समुद्री प्लेटफार्मों और 10 से 12 विमानों के जरिए निगरानी की जाती है, ताकि भारत के विशाल समुद्री क्षेत्र की रक्षा की जा सके. आत्मनिर्भरता और आधुनिकीकरण की मुहिम के तहत स्वदेशी क्षमताओं को अपनाया जा रहा है.
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