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CCTV और अधूरे नंबर से पकड़ा गया ठग गैंग।
ग्वालियर शहर में सवारी वाहनों (ऑटो, टेंपो, बस) में बैठने वाले यात्रियों की जेब से पलक झपकते ही नकदी और कीमती सामान पार करने वाली गिरोह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। झांसी रोड थाना पुलिस ने इस ठग गैंग के पांच सदस्यों को पकड़ा है, जिन्होंने हाल ही म
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ऐसे दिया वारदात को अंजाम
16 जुलाई को डबरा के आंतरी स्थित चकखेरी गांव निवासी 55 वर्षीय राधेलाल कुशवाह गाड़ी खरीदने के लिए शहर आए थे। चेतकपुरी रोड स्थित ऑर्किड टावर के पास से उन्होंने एक ऑटो लिया, जिसमें पहले से ही पांच लोग बैठे थे। कुछ ने यात्री बनकर ऑटो में जगह ली थी, जबकि एक पीछे लेटा हुआ था और ऑटो चालक भी शामिल था।
ऑटो में बातचीत के दौरान जब राधेलाल ने बताया कि वह गाड़ी खरीदने आए हैं, तभी ठगों ने चालाकी से उनकी जेब में रखे 70 हजार रुपए निकाल लिए। थोड़ी देर बाद ठग एक-एक करके उतर गए और चालक ने बहाना बनाया कि सीएनजी खत्म हो गई है। इसके बाद राधेलाल ऑटो से उतर गए। जब उन्होंने अपनी जेब चेक की तो पैसे गायब थे। तब तक ऑटो और उसमें बैठे सभी लोग फरार हो चुके थे।

आधा नंबर था सबूत, CCTV और 100 ऑटो खंगाले
राधेलाल पहले अपने गांव लौट गए और परिजनों को घटना बताई, जिन्होंने झांसी रोड थाने में शिकायत दर्ज कराई। उनके पास ऑटो का केवल आधा-अधूरा नंबर था, लेकिन पुलिस ने इसे ही सुराग बनाकर जांच शुरू की।
इलाके के CCTV कैमरे खंगाले गए, कुछ अस्पष्ट फुटेज मिले। पुलिस ने ऑटो स्टैंड के पास 100 से ज्यादा ऑटो की जांच की, तब जाकर वह ऑटो मिला जिससे वारदात की गई थी। इसके बाद गैंग के सभी पांच आरोपी पकड़ लिए गए, जिन्होंने पूछताछ में जुर्म कबूल कर लिया।
पकड़े गए आरोपी
- दीपक बरार (44), हेमसिंह की परेड
- रामकुमार मडेरे (32), झांसी रोड
- जीतू चौरसिया (32), लकड़खाना
- अरुण गोस्वामी (32), बहोड़ापुर
- भूपेंद्र जोशी (44), कोटेश्वर मोहल्ला
झांसी रोड थाना प्रभारी शक्ति सिंह यादव ने बताया कि राधेलाल देरी से थाने पहुंचे, लेकिन घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस ने तुरंत जांच शुरू की। सीसीटीवी फुटेज और ऑटो की पहचान के आधार पर गैंग को पकड़ा गया है। अब इनसे शहर की अन्य वारदातों के संबंध में भी पूछताछ की जा रही है।
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