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कमलेश्वर पटेल ने कहा है कि प्रदेश में डबल इंजन की सरकार दावा तो बहुत कर रही है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। उन्होंने लोगों से कहा है कि वे सोशल मीडिया पर #VikasKahaHai हैशटैग के साथ अपने क्षेत्र की समस्याओं को साझा करें।
लीला साहू के वीडियो से उठी आवाज
यह पूरी बहस सीधी जिले के खड्डी खुर्द गांव की लीला साहू के वीडियो से शुरू हुई थी। पहले लीला ने सड़क की बदहाली पर सांसद राजेश मिश्रा से वीडियो के माध्यम से जवाब मांगा था। लेकिन जब कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो उन्होंने अपनी गर्भावस्था के दौरान उसी सड़क पर खड़े होकर दूसरा वीडियो बनाकर सिस्टम को कटघरे में खड़ा कर दिया। यह वीडियो पूरे देशभर में वायरल हुआ और जनता के गुस्से की आवाज बन गया।
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रीवा के बच्चों के वीडियो भी हुए वायरल
इसके बाद रीवा जिले के दो वायरल वीडियो ने सरकार को बैकफुट पर ला दिया। पहला वीडियो महिदल गांव का है, जहां स्कूली बच्चे कीचड़ और नालों को पार कर स्कूल पहुंचते हैं। वीडियो में बच्चों की मुश्किलें देखकर आमजन और सामाजिक कार्यकर्ता सरकार से जवाब मांग रहे हैं।
दूसरा वीडियो अमाव गांव की छात्रा वैष्णवी मिश्रा का है, जिसमें वह कीचड़ भरी सड़क पर चलते हुए कलेक्टर और विधायक से मदद की अपील करती है। वीडियो वायरल होने के बाद त्योंथर विधायक सिद्धार्थ तिवारी ने संज्ञान लिया और सड़क निर्माण के निर्देश अधिकारियों को दिए। वैष्णवी ने उसके बाद एक और वीडियो जारी कर विधायक को धन्यवाद कहा और भरोसा जताया कि अब गांव की सड़क जल्द बनेगी।इन घटनाओं के बाद प्रशासन हरकत में आया है। कलेक्टर प्रतिभा पाल ने सर्वे कराकर संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि गांवों की सड़कों की स्थिति सुधारी जाए।
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