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भारतीय मजदूर संघ की स्थापना 23 जुलाई 1955 को भोपाल में हुई थी. इसी दिन को यादगार बनाने के लिए पिछले साल भोपाल से सालभर चलने वाले विशेष कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी.
संगठन अब समाज और राष्ट्रहित के बड़े मुद्दों पर काम कर रहा है
भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष हिरन्मय पांड्या ने बताया कि संगठन केवल वेतन,भत्ते और पदोन्नति के मुद्दों तक सीमित नहीं है बल्कि समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने पर भी जोर देता है.पर्यावरण, सामाजिक समरसता और स्वदेशी जैसे विषयों पर पहले से काम हो रहा है. इस बार कुटुंब प्रबोधन (परिवार को जोड़ने का प्रयास) और नागरिक कर्तव्य जैसे दो नए विषयों को भी शामिल किया गया जिन पर अगस्त 2024 से जनवरी 2025 तक देशभर में जागरूकता अभियान चला.
दिसंबर 2024 से मजदूरों के बीच विशेष संपर्क अभियान चलाया गया. इसके बाद फरवरी और मार्च 2025 में महिला और युवा सम्मेलन जिला स्तर पर आयोजित किए गए जिनमें बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया. इससे संगठन से जुड़ाव और भी गहरा हुआ और पूरे देश में नई यूनियनें बनीं.
वरिष्ठ कार्यकर्ताओं का होगा सम्मान
कार्यक्रम में उन वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया जाएगा जिन्होंने संगठन को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई.इनमें गीता गोखले (मुंबई), हंसू भाई दवे (राजकोट), सामा बलरेड्डी (हैदराबाद),वसंत पिम्पलापुरे (नागपुर), अमरनाथ डोगरा (दिल्ली), करतार सिंह राठौर (पंजाब), हाजी अख्तर हुसैन (बुलंदशहर) और महेश पाठक (रेलवे, दिल्ली) जैसे नाम शामिल हैं.
इस मौके पर भारतीय मजदूर संघ एक नया डिजिटल प्लेटफॉर्म लॉन्च करेगा जिससे कार्यकर्ताओं की जानकारी को बेहतर तरीके से सहेजा जा सकेगा और आपसी संवाद मजबूत होगा.साथ ही संघ की 70 साल की यात्रा पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म भी दिखाई जाएगी और ऑर्गनाइजर पत्रिका का विशेष अंक जारी किया जाएगा.
मोहन भागवत देंगे आगे की दिशा
इस भव्य आयोजन में देशभर से संगठन के प्रदेश अध्यक्ष, महामंत्री, वरिष्ठ पदाधिकारी और दिल्ली-एनसीआर से हजारों कर्मचारी शामिल होंगे. कार्यक्रम का सबसे अहम हिस्सा होगा मोहन भागवत का संबोधन जिसमें वे संगठन को आगे किस दिशा में ले जाना है इस पर मार्गदर्शन देंगे.
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