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Nodal team said- there is a risk of liver failure due to addiction | नोडल टीम बोली- नशे से लिवर फेल होने का खतरा: व्यवहार चिड़चिड़ा और हिंसक हो सकता, सिवनी में 2 हजार स्टूडेंट्स को किया जागरूक – Seoni News

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सिवनी में गर्ल्स कॉलेज में छात्राओं को नशे से दूर रहने की हिदायत दी गई।

सिवनी जिले में पुलिस ने “नशे से दूरी है-जरूरी” जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। शनिवार तक इस अभियान में 2000 से अधिक छात्र-छात्राएं, प्राध्यापक और शिक्षक शामिल हुए। सभी ने नशा मुक्त मध्य प्रदेश बनाने का संकल्प लिया।

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जिला स्तरीय नोडल टीम के सदानंद गोदेवार ने कहा कि नशा एक ऐसी सामाजिक बुराई है जो व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित करता है।

नशे के सेवन से शरीर के कई अंगों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। यह मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को धीमा कर देता है, जिससे सोचने-समझने की क्षमता कमजोर हो जाती है और याददाश्त पर बुरा असर पड़ता है।

नशे की वजह से हार्ट की स्पीड अनियमित हो सकती

हृदय और रक्त संचार प्रणाली पर इसका सीधा प्रभाव पड़ता है, जिससे हार्ट की स्पीड अनियमित हो सकती है और हृदयाघात की संभावना बढ़ जाती है।

शराब और अन्य मादक पदार्थ लिवर को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे लिवर सिरोसिस या लिवर फेल होने का खतरा होता है। इसके अलावा, फेफड़े, पाचन तंत्र और प्रजनन प्रणाली पर भी नशे का बुरा असर होता है।

वक्ता ने कहा- तनाव, डिप्रेशन नशे से आता है

मानसिक रूप से नशा व्यक्ति को पूरी तरह से तोड़ देता है। नशा करने वाला व्यक्ति अक्सर तनाव, डिप्रेशन और भ्रम जैसी मानसिक समस्याओं से घिर जाता है। उसका व्यवहार चिड़चिड़ा और हिंसक हो सकता है, और वह समाज और परिवार से कटने लगता है।

नशे की लत इतनी खतरनाक होती है कि व्यक्ति चाहकर भी इससे बाहर नहीं निकल पाता और इसके बिना रहना असंभव सा लगने लगता है। यह स्थिति “विथड्रॉअल सिम्प्टम्स” को जन्म देती है, जिसमें व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक पीड़ा होती है।

नशा पारिवारिक और सामाजिक जीवन बर्बाद करता

नशा न सिर्फ व्यक्ति का स्वास्थ्य खराब करता है, बल्कि उसके पारिवारिक और सामाजिक जीवन को भी तबाह कर देता है। परिवार में कलह, रिश्तों में टूटन, नौकरी से हाथ धो बैठना, पढ़ाई में पिछड़ जाना और समाज में बदनामी जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं। इससे व्यक्ति धीरे-धीरे अपराध की ओर भी बढ़ सकता है।

इन उपायों से नशा छोड़ा जा सकता है

इसलिए, नशे से बचाव अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए आत्म-नियंत्रण, सकारात्मक संगति, योग-ध्यान और खेलों जैसी रचनात्मक गतिविधियों में भाग लेना मददगार हो सकता है। यदि नशे की लत गंभीर हो जाए तो किसी नशा मुक्ति केंद्र या परामर्शदाता की मदद लेना भी जरूरी होता है। नशे से दूर रहकर ही एक स्वस्थ, सफल और सुखद जीवन जीया जा सकता है।

पुलिस कई स्कूलों में पहुंची

पुलिस टीम ने कन्या महाविद्यालय, सीएमराइज स्कूल पांडिया छपारा समेत कई स्कूलों में कार्यक्रम आयोजित किए। छात्रों को नशे से होने वाले शारीरिक और मानसिक नुकसान की जानकारी दी गई।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नशा व्यक्ति के साथ उसके परिवार और समाज को भी प्रभावित करता है। उप निरीक्षक विक्की धुर्वे और गजेन्द्र सिंह राजपूत ने जिले के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों का दौरा किया।

सीएमराइज स्कूल पांडिया छपारा में भी छात्राओं को जागरूक किया गया है।

सीएमराइज स्कूल पांडिया छपारा में भी छात्राओं को जागरूक किया गया है।

स्टूडेंट्स को बताए गए हेल्पलाइन

कार्यक्रम में विभिन्न हेल्पलाइन नंबर साझा किए गए। इनमें मानस हेल्पलाइन 1933, 14446 और नेशनल सुसाइड हेल्पलाइन 14416 शामिल हैं। मध्यप्रदेश नारकोटिक्स विभाग का नंबर 7049100785 भी दिया गया।

छात्र-छात्राओं ने नशे से दूर रहने की शपथ ली। उन्होंने दूसरों को भी नशा छोड़ने के लिए प्रेरित करने का संकल्प लिया। कार्यक्रम में ट्रैफिक एक्सीडेंट और नशे से होने वाली दुर्घटनाओं की जानकारी भी दी गई।

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