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अशोकनगर में ‘नशे से दूरी है जरूरी’ अभियान के तहत पुलिस ने शहर के दर्जनों नशे के लती युवाओं को एक जगह बुलाकर उनकी काउंसलिंग की। ये सभी युवा स्मैक, स्लोचन, ड्रग्स और इंजेक्शन जैसे जानलेवा नशे की गिरफ्त में आ चुके हैं। पुलिस अधीक्षक ने उन्हें नशा छोड़ने
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पुलिस अधीक्षक विनीत कुमार जैन की मौजूदगी में जब इन युवाओं से बात की गई तो कई लोगों ने कहा कि स्मैक और ड्रग्स के कारण उनका शरीर और मानसिक स्थिति पूरी तरह बिगड़ चुकी है। कई युवाओं ने कहा कि वे अब इस दलदल से निकलना चाहते हैं लेकिन अकेले नहीं निकल पा रहे।
गलत संगत में फंसे, अब छोड़ना चाहते हैं नशा युवाओं ने बताया कि वे गलत संगत में पड़कर नशा करने लगे। शुरुआत में शौक में लिया, लेकिन अब हालत यह है कि नशा न मिले तो अस्पताल जाकर डॉक्टर से दवाई लेकर उसे भी इंजेक्शन से नशे के रूप में लेते हैं। उन्होंने बताया कि शहर में ऐसे 50 से अधिक युवा हैं जो इसी तरह नशे के आदी हो चुके हैं।

पुलिस ने नशा नहीं करने का शपथ दिलाया।
नशा रोकने के लिए अस्पताल में निगरानी की मांग कुछ युवाओं ने सुझाव दिया कि अस्पतालों में डॉक्टरों की दी गई दवाइयों का भी लोग नशे के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं। इसलिए अस्पतालों में पुलिस जवान तैनात किए जाएं और जो भी दवा दी जाए, उसे वहीं मौके पर ही खिलाया जाए ताकि उसका दुरुपयोग न हो सके।
पुलिस ने दिलाया मदद का भरोसा एसपी विनीत कुमार जैन ने कहा कि युवाओं की उम्र अभी ज्यादा नहीं है, इसलिए अगर वे ठान लें तो नशा छोड़ा जा सकता है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन और सामाजिक संगठनों की मदद से ऐसे युवाओं को नशा मुक्ति केंद्र भेजा जाएगा। कुछ युवाओं ने खुद भी नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती होने की इच्छा जताई है। एसपी ने सभी युवाओं के नाम और पते नोट कराए और जल्द जांच कर केंद्र भेजने की बात कही।
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