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Flood situation in MP…exams cancelled, roads caved in | एमपी में बाढ़ के हालात…परीक्षा कैंसिल, सड़क धंसी: ग्वालियर-चंबल में आज अति भारी बारिश का अलर्ट; 15 जिलों में भी तेज पानी गिरेगा – Bhopal News

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मानसून ट्रफ और डिप्रेशन की वजह से मध्यप्रदेश के कई जिलों में एक बार फिर बाढ़ के हालात है। गुरुवार को सतना, डिंडौरी, मऊगंज समेत कई जिलों में तेज बारिश से नदी-नाले उफान पर आ गए। 26 से ज्यादा जिलों में बारिश हुई। इस वजह से कॉलेज की परीक्षा कैंसिल करना पड़

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शुक्रवार को ग्वालियर-चंबल के 7 जिलों में अति भारी बारिश का अलर्ट है। वहीं, नीमच, मंदसौर, रतलाम, आगर-मालवा, राजगढ़, अशोकनगर, विदिशा, सागर, दमोह, निवाड़ी, छतरपुर, पन्ना, सतना, रीवा और मऊगंज में भारी बारिश हो सकती है। रीवा, सतना, डिंडौरी और मऊगंज में शुक्रवार को स्कूलों में अवकाश घोषित किया है।

कई जिलों में बाढ़ का खतरा तेज बारिश होने की वजह से शुक्रवार सुबह तक प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ का खतरा है। मौसम विभाग के अनुसार, पूर्वी हिस्से के छतरपुर, दमोह, कटनी, पन्ना, सागर, सतना और टीकमगढ़ में अचानक बाढ़ आ सकती है। वहीं, पश्चिमी हिस्से के अशोकनगर, दतिया, गुना, ग्वालियर, मुरैना, राजगढ़, श्योपुर, शिवपुरी और विदिशा जिलों में भी बाढ़ का खतरा है।

मप्र के पूर्वी हिस्से में बाढ़ के रहे हालात प्रदेश में गुरुवार को तेज बारिश का दौर रहा। पूर्वी हिस्से में तो बाढ़ जैसे हालात रहे। सतना में 9 घंटे के अंदर 95 मिमी यानी, 3.8 इंच पानी गिर गया। इस वजह से चित्रकूट में बाढ़ जैसे हालात रहे।

रीवा में 2.3 इंच, खजुराहो-टीकमगढ़ में 1.7 इंच, ग्वालियर, मंडला, नौगांव और पचमढ़ी में पौन इंच, भोपाल, सीधी और जबलपुर में आधा इंच पानी गिरा। इसी तरह दतिया, गुना, नर्मदापुरम, शिवपुरी, दमोह, नरसिंहपुर, सागर, सिवनी, उमरिया, बालाघाट, मऊगंज, हरदा, मंदसौर, राजगढ़, शाजापुर, विदिशा, आगर-मालवा, सीहोर समेत कई जिलों में बारिश का दौर रहा।

भोपाल में सड़क धंसी, हरदा में कार बही भोपाल में एक घंटे की तेज बारिश से जलभराव के हालात बन गए। बोर्ड ऑफिस चौराहे के पास सड़क धंसने से बड़ा गड्ढा हो गया। सड़क के इसी हिस्से के नीचे से सीवेज लाइन गुजर रही है। सतना में शासकीय स्वशासी महाविद्यालय की 17, 18 और 19 जुलाई को होने वाली परीक्षाएं स्थगित कर दी गई। डिंडौरी में अतिवर्षा के चलते सरकारी स्कूलों में गुरुवार को अवकाश रहा। मऊगंज के भी सभी स्कूलों में छुट्‌टी रही।

हरदा की मटकुली नदी में पुलिसकर्मी की कार बह गई। उसने पुलिया पर पानी होने के बावजूद कार निकालने का प्रयास किया था। पुलिसकर्मी ने समय रहते कार से कूदकर जान बचा ली। सतना में रपटे को पार करने की कोशिश में कार तेज बहाव में बह गई। लोगों ने कार सवार युवक को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।

मऊगंज जिले के नई गढ़ी कस्बे में कई घरों में पानी घुस गया। लोग जरूरी सामान लेकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचे। थाना परिसर भी पानी में डूबा रहा। चित्रकूट की गुप्त गोदावरी गुफा में तेज बहाव के साथ पानी बह रहा है। पर्यटकों के लिए गुफा को बंद करा दिया गया है। पीथमपुर में तीन मंजिला मकान की निर्माणाधीन दीवार बारिश के कारण गिर गई। हादसे में दो माह की बच्ची की मौत हो गई जबकि पिता घायल हैं।

गुरुवार को बारिश की तस्वीरें…

भोपाल के एमपी नगर में सड़क पर 8 फीट गहरा और 10 फीट चौड़ाई गड्‌ढा हो गया।

भोपाल के एमपी नगर में सड़क पर 8 फीट गहरा और 10 फीट चौड़ाई गड्‌ढा हो गया।

मंदसौर के भानपुरा में बड़े महादेव मंदिर के झरने को देखने आसपास से लोग पहुंच रहे हैं।

मंदसौर के भानपुरा में बड़े महादेव मंदिर के झरने को देखने आसपास से लोग पहुंच रहे हैं।

सतना में रपटे को पार करने की कोशिश में कार बह गई। ड्राइवर को लोगों ने बचाया।

सतना में रपटे को पार करने की कोशिश में कार बह गई। ड्राइवर को लोगों ने बचाया।

हरदा की मटकुली नदी में पुलिसकर्मी की कार बह गई। उसने कूदकर जान बचाई।

हरदा की मटकुली नदी में पुलिसकर्मी की कार बह गई। उसने कूदकर जान बचाई।

मऊगंज की निचली बस्तियों के मकानों में पानी भर गया।

मऊगंज की निचली बस्तियों के मकानों में पानी भर गया।

डैमों में तेजी से बढ़ रहा पानी प्रदेश में कुल 54 बड़े डैम हैं। जहां पर पानी की आमद तेजी से हो रही है। बाणसागर, बरना, गांधीसागर, गोपीकृष्ण, इंद्रा सागर, केरवा, कलियासोत, कोलार, कुंडालिया, कुशलपुरा, मोहनपुरा, ओंकारेश्वर, राजघाट, बरगी, संजय सागर, तवा, टिल्लर, तिघरा, पेंच, सतपुड़ा समेत अन्य डैमों में पानी बढ़ा है। भोपाल के बड़ा तालाब में भी अच्छे खासी पानी की आमद हो गई है। साढ़े 6 फीट पानी आते ही तालाब ओवरफ्लो हो जाएगा और फिर भदभदा डैम के गेट खोलने पड़ेंगे।

अगले 2 दिन ऐसा रहेगा मौसम…

अगले 2 दिन बारिश का अलर्ट मौसम वैज्ञानिक अरुण शर्मा ने बताया कि प्रदेश से एक मानसून ट्रफ गुजर रही है। वहीं, एक डिप्रेशन भी एक्टिव है। इस वजह से गुरुवार को कई जिलों में भारी बारिश का दौर रहा। शुक्रवार को भी तेज बारिश का अलर्ट है। बता दें कि इस मानसूनी सीजन में प्रदेश में औसत 19.2 इंच बारिश हो चुकी है, जबकि अब तक 11.5 इंच पानी गिरना था। इस हिसाब से 7.7 इंच बारिश ज्यादा हो चुकी है। अबकी बार पूर्वी हिस्से में मानसून मेहरबान रहा है।

एमपी में 10 साल में बारिश का ट्रेंड

भोपाल के बारे में जानिए भोपाल में जुलाई में खूब बारिश होती है। यहां एक ही महीने में 1031.4 मिमी यानी 41 इंच के करीब बारिश होने का रिकॉर्ड है। यह साल 1986 में हुई थी। 22 जुलाई 1973 को एक ही दिन में 11 इंच बारिश हुई थी, जो अब तक का रिकॉर्ड है। साल 2024 में पूरे जुलाई महीने में 15.70 इंच बारिश हुई थी।

भोपाल में जुलाई महीने में एवरेज 15 दिन बारिश होती है यानी हर दूसरे दिन पानी बरसता है। महीने की एवरेज बारिश 367.7 मिमी यानी 14.4 इंच है। बारिश के चलते दिन का तापमान 30 और रात में पारा 25 डिग्री सेल्सियस से कम रहता है।

इंदौर में इस बार 40% ज्यादा बारिश इंदौर की बात करें तो 24 घंटे में 11.5 इंच बारिश होने का रिकॉर्ड है, जो 27 जुलाई 1913 को हुई थी। वर्ष 1973 में पूरे महीने 30.5 इंच पानी गिरा था। बारिश के चलते यहां भी तापमान में गिरावट देखने को मिलती है। इंदौर में महीने की एवरेज बारिश 12 इंच है। एवरेज 13 दिन यहां बारिश होती है। पिछले साल इंदौर में पूरे महीने 8.77 इंच बारिश हुई थी।

जबलपुर में जुलाई में गिर चुका 45 इंच पानी चारों बड़े शहरों में जबलपुर ऐसा है, जहां सबसे ज्यादा बारिश होती है। वर्ष 1930 में यहां करीब 45 इंच पानी बरसा था जबकि 30 जुलाई 1915 को 24 घंटे की सर्वाधिक 13.5 इंच बारिश हुई थी। 2013 और 2016 में सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई थी।

जबलपुर में जुलाई की सामान्य बारिश 17 इंच है। महीने में 15 से 16 दिन पानी बरसता है।

ग्वालियर में कम बारिश का ट्रेंड भोपाल, इंदौर और जबलपुर की तुलना में ग्वालियर में जुलाई के महीने में सबसे कम बारिश होती है। पिछले 10 साल में 6 बार ऐसा हुआ, जब 8 इंच से कम पानी गिरा हो जबकि यहां की एवरेज बारिश 9 इंच के करीब है।

ग्वालियर में वर्ष 1935 में महीने की सबसे ज्यादा बारिश हुई थी। तब 623.3 मिमी यानी 24.5 इंच बारिश दर्ज की गई थी। इस बार बारिश के अच्छे संकेत हैं। मानसून की दस्तक के साथ यहां तेज बारिश का दौर जारी है। 24 घंटे में सबसे ज्यादा बारिश की बात करें तो 12 जुलाई 2015 को 190.6 मिमी यानी साढ़े 7 इंच पानी बरसा था। ग्वालियर में जुलाई के महीने में एवरेज 11 दिन बारिश होती है।

उज्जैन में 36 इंच बारिश का रिकॉर्ड उज्जैन में पूरे जुलाई महीने में 36 इंच बारिश का ओवरऑल रिकॉर्ड है। इतनी बारिश साल 2015 में हुई थी। 2023 में 21 इंच से ज्यादा पानी गिर गया था। 24 घंटे में सबसे ज्यादा बारिश 19 जुलाई 2015 को 12.55 इंच हुई थी। उज्जैन में जुलाई की औसत बारिश 13 इंच है। महीने में 12 दिन पानी बरसता है।

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