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Darshan of Nagchandreshwar will start from the night of 28th July | 28 जुलाई रात से शुरू होंगे नागचंद्रेश्वर के दर्शन: महाकाल मंदिर में नागपंचमी पर उमड़ेगा श्रद्धालुओं का सैलाब; कलेक्टर ने की बैठक – Ujjain News

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नागपंचमी पर तीन दिन का विशेष प्रबंध।

उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में 29 जुलाई को नागपंचमी पर्व मनाया जाएगा। इस अवसर पर मंदिर परिसर स्थित भगवान श्री नागचंद्रेश्वर के पट 28 जुलाई की रात 12 बजे खोले जाएंगे। पूजन के बाद रात करीब 1 बजे से आम श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति

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इस बार रविवार का अवकाश, सोमवार को महाकाल की सवारी और मंगलवार को नागपंचमी होने से भारी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। इसे देखते हुए प्रशासन के सामने भीड़ नियंत्रण और व्यवस्था बनाए रखना एक बड़ी चुनौती रहेगा। इसी को लेकर शुक्रवार को कलेक्टर रौशन कुमार सिंह की अध्यक्षता में कलेक्टर कार्यालय में अधिकारियों की बैठक हुई।

कलेक्टर रौशन कुमार सिंह की अध्यक्षता में अधिकारियों की बैठक हुई।

कलेक्टर रौशन कुमार सिंह की अध्यक्षता में अधिकारियों की बैठक हुई।

बैठक में कलेक्टर ने भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन मार्ग पर बने एयरो ब्रिज की तकनीकी जांच कराने के निर्देश दिए ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके। उन्होंने दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए सभी जरूरी व्यवस्थाएं समय पर पूरी करने को कहा। बैठक में एसपी प्रदीप शर्मा, मंदिर प्रशासक प्रथम कौशिक, महानिर्वाणी अखाड़ा के महंत विनीत गिरि महाराज सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

नागचंद्रेश्वर के दर्शन मार्ग की व्यवस्था श्रद्धालु नागपंचमी पर कर्कराज पार्किंग में वाहन खड़ा कर, भील समाज धर्मशाला के पास बने जूता स्टैंड पर जूते उतारकर दर्शन के लिए पंक्तिबद्ध होंगे। यहां से गंगा गार्डन मार्ग से चारधाम मंदिर पार्किंग, जिगजैग रास्ते, हरसिद्धि चौराहा, रुद्र सागर की दीवार और विक्रम टीला से होते हुए बड़ा गणेश मंदिर के सामने द्वार क्रमांक-4 से मंदिर में प्रवेश मिलेगा।

यहां से श्रद्धालु विश्रामधाम और एयरो ब्रिज होते हुए भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन करेंगे। दर्शन उपरांत एयरो ब्रिज के जरिए विश्रामधाम रैम्प, मार्बल गलियारा और नवनिर्मित रैम्प होते हुए बड़ा गणेश मंदिर के सामने से बाहर निकल सकेंगे। आगे हरसिद्धि धर्मशाला मार्ग से अपने गंतव्य को लौट सकेंगे।

तीन दिन रहेगा श्रद्धालुओं का भारी दबाव श्रावण मास और नागपंचमी को लेकर 26 जुलाई शनिवार से ही श्रद्धालुओं का आगमन शुरू हो जाएगा। रविवार का अवकाश, सोमवार को महाकाल की सवारी और मंगलवार को नागपंचमी पर्व होने के कारण दर्शनार्थियों की भीड़ तीन दिन तक लगातार बनी रहेगी। प्रशासन का अनुमान है कि इस बार पिछले वर्षों की तुलना में श्रद्धालुओं की संख्या अधिक होगी, ऐसे में सुरक्षा और सुविधा के पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए गए हैं।

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