भोपाल जिला पंचायत के उपाध्यक्ष मोहन सिंह जाट द्वारा बैठक में अवैध खनन का मामला उठाने पर उन्हें जान से मारने की धमकी मिल रही है। शुक्रवार को उन्होंने भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह से लिखित शिकायत की है। खनिज माफिया, ठेकेदार और बिल्डर्स से सुरक्षा के लिए गनमैन उपलब्ध कराने की बात कहीं। कलेक्टर ने कहा है कि उपाध्यक्ष ने आवेदन दिया है। इस पर उचित कार्रवाई की जाएगी। जाट ने बताया, मैने 11 जुलाई को हुई मीटिंग में भोपाल में अवैध खनन का मुद्दा उठाया था। इसके बाद मुझे खनन माफिया से जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। कह रहे हैं कि मुझ पर डंपर चढ़वा देंगे।
खदानों के आसपास तार फेंसिंग कराने के निर्देश
दअरसल 11 जुलाई को जिला पंचायत में साधारण सभा की बैठक में उपाध्यक्ष जाट ने जिले में बड़े पैमाने पर मुरम का अवैध खनन होने का मुद्दा उठाया था। जिसमें खनिज अधिकारी पर भी नाराजगी जताई थी। इसके बाद कलेक्टर ने सभी एसडीएम और खनिज अधिकारी को खदानों के आसपास तार फेंसिंग कराने को कहा था।
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कार्रवाई के बाद जान से मारने की धमकियां मिली
उपाध्यक्ष जाट ने बताया कि कलेक्टर के निर्देश के बाद हुई कार्रवाई के बाद मुझे कुछ लोगों ने जान से मारने की धमकियां दी हैं। पीएचई विभाग के ठेकेदारों ने भी कुछ महीने पहले अभद्रता की थी। जिला पंचायत में ही राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा द्वारा ली गई बैठक में भी मैंने अवैध कॉलोनियां काटने वाले कॉलोनाइजरों की शिकायत की थी। इसके बाद कुछ कॉलोनाइजर भी लगातार धमकियां दे रहे हैं। मैंने जो भी मुद्दे उठाए, वे सभी जनहित के हैं। धमकियां मिलने से जान से खतरा है। इसलिए कलेक्टर को आवेदन देकर गनमैन मांगा है।
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यह है पूरा मामला
भोपाल जिला पंचायत की मीटिंग में उपाध्यक्ष ने खनिज खदानों के आसपास तार फेंसिंग नहीं होने और अवैध खनन का मुद्दा उठाया था। उपाध्यक्ष जाट खनिज विभाग के अफसरों पर जमकर भड़के थे। उन्होंने कहा था कि सरकार पौधे रोप रही है। अभियान चला रही है। हमने भी जंगल और गांवों में पौधे रोपे, लेकिन खनिज खदानों के आसपास से इन्हीं पौधों को उखाड़ दिया गया। मेरे पास इसके सबूत हैं। यदि मैं गलत हूं तो इस्तीफा दे दूंगा। उन्होंने कहा था कि जिले में बड़े पैमाने पर अवैध खनन हो रहा है। जिम्मेदार अफसरों का इस ओर ध्यान नहीं है। हमने जहां पर पौधे रोपे, उन्हें ही खनिज खदान संचालकों ने जेसीबी से उखड़वाकर फेंक दिया, जबकि खदान की निश्चित सीमा होती है और तार फेंसिंग कराना पड़ती है। पूरे जिले में नियम से ज्यादा खनन हो रहा है। इसमें जिम्मेदार भी शामिल हैं।