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बेशक यमन में पीड़ित परिवार द्वारा ब्लड मनी से इनकार के बाद प्रिया की मुश्किलें बढ़ गई हैं. बचने के सीमित रास्ते जरूर हैं. जिनके लिए नए सिरे से कोशिश शुरू हो चुकी है.
अब इस मामले की अगली सुनवाई 14 अगस्त को है. तब तक ब्लड मनी की कोशिश भी जारी रखी जाएगी. जानते हैं कि भारतीय नर्स को बचाने वाले 5 विकल्प अब क्या हो सकते हैं.
1. अगर राष्ट्रपति माफी दे दें
भारतीय नर्स निमिषा प्रिया.
2. अगर मुकदमे में फिर से अपील का कोई रास्ता निकल आए
अगर निमिषा प्रिया के मामले से संबंधित केस में कानूनी प्रक्रिया या साक्ष्यों में कोई तकनीकी त्रुटि पाई जाती है तो अपील कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की जा सकती है. तब निमिषा को काफी समय मिल जाएगा. तब उसके परिजन नए सिरे से ब्लड मनी की कोशिश करके सुलह समझौता कर सकते है. फिर से अपील के जरिए केस पलट भी सकता है, अगर ये साबित हो जाए कि निमिषा ने ये कदम खुद के बचाव में उठाया था.
3. राजनयिक प्रयासों और अंतर्राष्ट्रीय हस्तक्षेप से
भारत सरकार यमन की हौथियों की सरकार के साथ उच्च-स्तरीय बातचीत कर सकती है, विशेष मानवीय आधार पर. संयुक्त राष्ट्र, अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस, या अन्य मानवाधिकार संगठनों की मदद ली जा सकती है. हालांकि इन प्रयासों की सफलता इस पर निर्भर करेगी कि हौथी विद्रोहियों की यमन सरकार कितना लचीलापन दिखाती है.
4. जनता और मीडिया का दबाव भी काम आ सकता है
5. सजा को उम्रकैद में भी बदला जा सकता है
अगर पीड़ित परिवार ब्लड मनी लेने से साफ इनकार कर देता है. माफी की संभावना खत्म हो जाती है तो बीच का रास्ता यह हो सकता है कि मृत्युदंड को आजीवन कारावास में बदलवाया जाए. चूंकि भारत सरकार भी अब इस मामले में ज्यादा गंभीर लग रही है, लिहाजा ये रास्ता निकलने की काफी गुंजाइश है.हालांकि इसके लिए मानवीय, मेडिकल, या कूटनीतिक आधार की जरूरत होगी. ऐसा लगता है कि भारत सरकार ने इसके लिए कोई कूटनीतिक चैनल खोल लिया है.
भारत सरकार क्या कर रही है
हौथियों पर भारत सरकार का कितना असर
भारत सरकार का हौथी विद्रोहियों पर प्रभाव सीमित और अप्रत्यक्ष है, लेकिन कुछ रणनीतिक और कूटनीतिक चैनल्स ऐसे हैं जिनसे संवाद या दबाव बनाने की संभावनाएं बनी रहती हैं. हौथी एक शिया जायदिया विद्रोही गुट है, जिसका यमन के उत्तरी और पश्चिमी इलाकों पर नियंत्रण है. इस इलाके की सरकार वही चला रहे हैं. वो ईरान समर्थित माने जाते हैं.
तो क्या ईरान काम आएगा
चूंकि हौथी विद्रोही ईरान समर्थित हैं. ईरान का उन पर बहुत ज्यादा असर है. लिहाजा ये संभव है कि भारत अपने ईरान से अपने बेहतर संबंधों का उपयोग कर कोई रास्ता निकाले और हौथियों को राजी कर ले. लेकिन ये देखने वाली बात होगी कि ये ईरान के लिए प्राथमिकता वाला मुद्दा है या नहीं.
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