Home मध्यप्रदेश Water level increased in 54 big dams, some overflowed | एमपी के...

Water level increased in 54 big dams, some overflowed | एमपी के 54 बड़े डैम में बढ़ा पानी, कुछ ओवरफ्लो: ग्वालियर समेत 12 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट; सिस्टम एक्टिव होने से गिरेगा पानी – Bhopal News

14
0

[ad_1]

एमपी में पिछले 1 महीने से जारी तेज बारिश की वजह से कुल 54 बड़े डैमों में पानी बढ़ गया है। जौहिला, बरगी, बाणसागर, सतपुड़ा समेत कई डैम तो ओवरफ्लो भी हो रहे हैं। इनमें जुलाई में जितना पानी आना चाहिए, उससे कई गुना ज्यादा आ गया। इस वजह से गेट खोलने पड़े। इधर,

.

मौसम विभाग के अनुसार, अगले 24 घंटे के दौरान जिन जिलों में भारी बारिश का अनुमान है, उनमें ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, अशोकनगर, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना और सतना शामिल हैं। यहां साढ़े 4 इंच तक बारिश हो सकती है। भोपाल, इंदौर में हल्की बारिश होने की संभावना है।

डैम के गेट खुले, डिंडौरी में नर्मदा में मंदिर डूबे, जबलपुर-ग्वालियर में 1.1 इंच बारिश प्रदेश में बुधवार को भी तेज बारिश का दौर जारी रहा। जबलपुर-ग्वालियर में 9 घंटे के अंदर 1.1 इंच पानी गिर गया। प्रदेश के इकलौते हिल स्टेशन पचमढ़ी में 1 इंच, मंडला में पौन इंच और दतिया में आधा इंच से ज्यादा बारिश हुई। इसी तरह रतलाम, उज्जैन, दमोह, छतरपुर के खजुराहो, रीवा, सीधी, बालाघाट, शहडोल, शिवपुरी, डिंडौरी, मऊगंज, बैतूल,अलीराजपुर समेत कई जिलों में भी बारिश का दौर जारी रहा। भोपाल में शाम को मौसम बदला। रात में हल्की बारिश भी हुई।

आलीराजपुर में लगातार बारिश से उर नदी में जलस्तर तेजी से बढ़ गया। शहडोल के बाणसागर डैम के 8 गेट खोल दिए गए। वहीं, बैतूल जिले के सारणी में सतपुड़ा बांध के 5 गेट 2 फीट तक खोले गए।

डिंडौरी और मंडला में भी तेज बारिश हुई। यहां नर्मदा नदी में पानी बढ़ गया है। कई जगहों पर पुल डूब गए। मंडला के सुभाष वार्ड में पानी निकासी नहीं होने के चलते सड़क पर तीन फीट के ऊपर पानी भर गया। डिंडौरी में नर्मदा घाटों पर बने मंदिर डूब गए।

बुधवार को बारिश की तस्वीरें…

डिंडौरी में लोग जान जोखिम में डालकर उफनती नदी पार करते रहे।

डिंडौरी में लोग जान जोखिम में डालकर उफनती नदी पार करते रहे।

आलीराजपुर के आमखुट में नदी का पानी बस्तियों में आ गया।

आलीराजपुर के आमखुट में नदी का पानी बस्तियों में आ गया।

मंडला में भारी बारिश से कॉलोनियों में पानी भर गया है।

मंडला में भारी बारिश से कॉलोनियों में पानी भर गया है।

इन डैमों में बढ़ा पानी बाणसागर, बरना, गांधीसागर, गोपीकृष्ण, इंद्रा सागर, केरवा, कलियासोत, कोलार, कुंडालिया, कुशलपुरा, मोहनपुरा, ओंकारेश्वर, राजघाट, बरगी, संजय सागर, तवा, टिल्लर, तिघरा, पेंच, सतपुड़ा समेत कुल 54 डैमों में पानी बढ़ा है। भोपाल के बड़ा तालाब में भी अच्छे खासी पानी की आमद हो गई है। साढ़े 6 फीट पानी आते ही तालाब ओवरफ्लो हो जाएगा और फिर भदभदा डैम के गेट खोलने पड़ेंगे।

सारणी में सतपुड़ा डैम के 5 गेट बुधवार को खोल दिए गए।

सारणी में सतपुड़ा डैम के 5 गेट बुधवार को खोल दिए गए।

अगले 2 दिन भारी बारिश का अलर्ट मौसम वैज्ञानिक अरुण शर्मा ने बताया कि प्रदेश से एक मानसून ट्रफ गुजर रही है। इस वजह से उत्तरी हिस्से में अगले 2 दिन तक भारी बारिश का अलर्ट है। बता दें कि इस मानसूनी सीजन में प्रदेश में औसत 18.5 इंच बारिश हो चुकी है, जबकि अब तक 11 इंच पानी गिरना था। इस हिसाब से साढ़े 7 इंच बारिश ज्यादा हो चुकी है। अबकी बार पूर्वी हिस्से में मानसून मेहरबान रहा है।

अगले 2 दिन ऐसा रहेगा मौसम…

एमपी में इतना रहा तापमान…

10 साल में बारिश का ट्रेंड, पहले भोपाल के बारे में जानिए भोपाल में जुलाई में खूब बारिश होती है। यहां एक ही महीने में 1031.4 मिमी यानी 41 इंच के करीब बारिश होने का रिकॉर्ड है। यह साल 1986 में हुई थी। 22 जुलाई 1973 को एक ही दिन में 11 इंच बारिश हुई थी, जो अब तक का रिकॉर्ड है। साल 2024 में पूरे जुलाई महीने में 15.70 इंच बारिश हुई थी।

भोपाल में जुलाई महीने में एवरेज 15 दिन बारिश होती है यानी हर दूसरे दिन पानी बरसता है। महीने की एवरेज बारिश 367.7 मिमी यानी 14.4 इंच है। बारिश के चलते दिन का तापमान 30 और रात में पारा 25 डिग्री सेल्सियस से कम रहता है।

इंदौर में इस बार 40% ज्यादा बारिश इंदौर की बात करें तो 24 घंटे में 11.5 इंच बारिश होने का रिकॉर्ड है, जो 27 जुलाई 1913 को हुई थी। वर्ष 1973 में पूरे महीने 30.5 इंच पानी गिरा था। बारिश के चलते यहां भी तापमान में गिरावट देखने को मिलती है। इंदौर में महीने की एवरेज बारिश 12 इंच है। एवरेज 13 दिन यहां बारिश होती है। पिछले साल इंदौर में पूरे महीने 8.77 इंच बारिश हुई थी।

जबलपुर में जुलाई में गिर चुका 45 इंच पानी चारों बड़े शहरों में जबलपुर ऐसा है, जहां सबसे ज्यादा बारिश होती है। वर्ष 1930 में यहां करीब 45 इंच पानी बरसा था जबकि 30 जुलाई 1915 को 24 घंटे की सर्वाधिक 13.5 इंच बारिश हुई थी। 2013 और 2016 में सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई थी।

जबलपुर में जुलाई की सामान्य बारिश 17 इंच है। महीने में 15 से 16 दिन पानी बरसता है।

ग्वालियर में कम बारिश का ट्रेंड भोपाल, इंदौर और जबलपुर की तुलना में ग्वालियर में जुलाई के महीने में सबसे कम बारिश होती है। पिछले 10 साल में 6 बार ऐसा हुआ, जब 8 इंच से कम पानी गिरा हो जबकि यहां की एवरेज बारिश 9 इंच के करीब है।

ग्वालियर में वर्ष 1935 में महीने की सबसे ज्यादा बारिश हुई थी। तब 623.3 मिमी यानी 24.5 इंच बारिश दर्ज की गई थी। इस बार बारिश के अच्छे संकेत हैं। मानसून की दस्तक के साथ यहां तेज बारिश का दौर जारी है। 24 घंटे में सबसे ज्यादा बारिश की बात करें तो 12 जुलाई 2015 को 190.6 मिमी यानी साढ़े 7 इंच पानी बरसा था। ग्वालियर में जुलाई के महीने में एवरेज 11 दिन बारिश होती है।

उज्जैन में 36 इंच बारिश का रिकॉर्ड उज्जैन में पूरे जुलाई महीने में 36 इंच बारिश का ओवरऑल रिकॉर्ड है। इतनी बारिश साल 2015 में हुई थी। 2023 में 21 इंच से ज्यादा पानी गिर गया था। 24 घंटे में सबसे ज्यादा बारिश 19 जुलाई 2015 को 12.55 इंच हुई थी। उज्जैन में जुलाई की औसत बारिश 13 इंच है। महीने में 12 दिन पानी बरसता है।

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here