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The city was cleaned at night, garbage was not allowed to accumulate on the intersections and roads | सफाई सर्वेक्षण: रात में शहर करवाया साफ, चौराहों व रास्तों पर जमा नहीं होने दिया कचरा – Ujjain News

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स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 में उज्जैन को सुपर स्वच्छता लीग का प्रथम पुरस्कार राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा मिलने पर गुरुवार को उज्जैन नगर निगम में जश्न का माहौल रहा। निगम के सफाई मित्रों की उपस्थिति में जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों ने एक-दूसरे को मिठ

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पिछले 4 साल में उज्जैन ने स्वच्छता सर्वेक्षण में तीन बार थ्री स्टार व दो बार लगातार वाटर प्लस सिटी का प्रमाण पत्र हासिल किया है। शहर की स्वच्छता में सबसे बड़ा योगदान शहर के 2,561 सफाई मित्रों का है। रहवासी क्षेत्रों की सफाई करने के बाद सफाई मित्र रात में व्यापारी क्षेत्र, चौपाटियां और सब्जी मंडियों की सफाई कर शहर को स्वच्छ बनाए रखते हैं। साथ ही सवारी हो या चल समारोह सबके तुरंत बाद जागरूकता से सड़कों को साफ करते हैं। शहर में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के चलते सफाई मित्रों की संख्या कम है। इसके बावजूद यह लोग शहर की सफाई में अपना पूरा योगदान देते हैं।

शहर स्टोरेज डस्टबिन फ्री जोन बन गया है यानी चौराहे पर कचरे का जमावड़ा नहीं लगने दिया जाता और डोर टू डोर कचरा संग्रहण पर पूरा ध्यान केंद्रित हैं। पिछले कुछ सालों में शहर में रखे जाने वाले स्टोरेज डस्टबिन हटा दिए हैं और शहर में डोर टू डोर कचरा संग्रहण को लेकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इसके साथ ही प्रतिबंधित प्लास्टिक उपयोग को लेकर उज्जैन नगर निगम द्वारा अभियान चलाया जाता है और शहर में प्लास्टिक की सप्लाई करने पहुंचे वाहनों पर लगातार जब्ती की कार्रवाई की गई है।

नगर निगम के मुख्य प्लांट, जिनके चलते हमारी रिपोर्ट कार्ड बेहतर हुई

  • मंगलनाथ स्थित फ्लोरल प्लांट, जहां महाकाल में चढ़े फूलों से अगरबत्ती व अन्य निर्माण होते हैं।
  • गऊघाट पर ट्रांसफर स्टेशन, जहां शहर से कचरा एकत्रित कर भेजा जाता है।
  • गऊघाट और एमआर-5 एमआरएफ प्लांट, रिकवरी सेंटर के रूप में प्लांट में काम होता है।
  • गोंदिया में विड्रो कंपोस्टिंग प्लांट, जिसके द्वारा गीले कचरे को उपयोग में लेकर खाद बनाई जाती है व राष्ट्रीय स्तर पर भेजी जाती है।
  • मक्सी रोड स्थित बायोमेथ प्लांट, जहां गीले कचरे का उपयोग कर बिजली बनाई जाती है।
  • एमआर-5 स्थित प्लास्टिक वेस्ट रि-साइकलिंग, जहां प्लास्टिक वेस्ट को रि-साइकल किया जाता है।
  • सिटी बस डिपो स्थित क्लोथ टू पेपर प्लांट, जहां कपड़ों का उपयोग कर पेपर बनाए जाते हैं।
  • सदावल में 83 एमएलडी का एसटीपी और सुवासरा, क्षमता 92 केएलडी, सीवर ट्रीटमेंट प्लांट, शहर की नालियों का पानी साफ कर उपयोग में लेना।

ऐसे चला सफाई अभियान, जिससे नंबर वन बने

  • डोर टू डोर कचरा संग्रहण के लिए 100 कचरा वाहन है, जिसमें सुखा, गीला, सैनेटरी पेड, ग्लब्ज, रखने के लिए अलग व्यवस्था है।
  • कचरा कलेक्शन से लेकर रि-साइकल तक और नाली के पानी के ट्रीटमेंट के लिए 13 प्लांट हैं।
  • पिछले साल ही 6 जोन में ट्रिपल-आर (रि-साइकल, रि-यूज और रि-ड्यूस) केंद्र बने हैं, जिन्हें स्वसाहयता समूह की महिलाएं संचालित कर रही हैं। यह महिलाएं अनुपयोगी सामग्री को सजाकर फिर से उपयोगी बनाकर इससे कुछ आय भी कमा लेती हैं।
  • 2023 में बारिश से पहले नाला स्वच्छता अभियान चलाया, जिसमें छोटे बड़े नालों की सफाई की गई।
  • स्कूलों में स्वच्छता की शिक्षा दी, जिसे लेकर निगम के अधिकारी व जनप्रतिनिधियों ने भूमिका निभाई।
  • यूएमसी एप व नगर पालिक निगम में की गई शिकायतों का तय समयावधि में निपटारन करने का कार्य शुरू किया गया।

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