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AK-203 ‘SHER’: INSAS 3 दशक से सेना की ताकत बनी हुई थी, अब यह इतिहास का हिस्सा बनने जा रही है. INSAS की जगह अब भारतीय सेना के हाथों में दुनिया की सबसे खतरनाक राइफल थमा दी गई है. पहले भारतीय सेना के जवानों को INS…और पढ़ें
AK-203 भारतीय सेना का शेर
हाइलाइट्स
- 31 दिसंबर को पहली 100% स्वदेशी AK-203 ‘शेर’ बनेगी.
- अमेठी में हर महीने 12,000 राइफल का निर्माण होगा.
- AK-203 राइफल की रेंज 400 से 800 मीटर है.
हर महीने 12,000 राइफल बनेगी अमेठी में
उत्तर प्रदेश के अमेठी में स्थापित की गई फैक्ट्री में सिर्फ भारतीय सेना के लिए ही राइफल नहीं बनेगी बल्कि यही से दुनिया भर में एक्सपोर्ट भी की जाएगी. इंडो रशियन राइफल प्राइवेट लिमिटेड (IRRPL) के सीईओ और एमडी मेजर जनरल एस के शर्मा के मुताबिक इसी साल 31 दिसंबर को पहली 100% स्वदेशी राइफल तैयार होगी. इसके बाद हर महीने में 12,000 राइफल का निर्माण इस फैक्ट्री में किया जाएगा. सेना के लिए ली जा रही 601,427 राइफल दिसंबर 2030 तक डिलीवर कर दी जाएगी. वैसे तो कांट्रेक्ट के मुताबिक 2032 तक का डेडलाइन तय की गई थी, लेकिन उससे पहले ही सभी डिलीवर कर दी जाएंगी.
डील के मुताबिक पहले 70,000 राइफल में रूसी और भारतीय कंटेंट वाली राइफल का निर्माण किया जा रहा है. साल 2024 में कुल 35,000 AK-203 राइफल डिलीवर की गई थी, इनमें सिर्फ 5% स्वदेशी कंटेंट थी. इस साल सेना को 15% स्वदेशी कंटेंट वाली 13,000 राइफल डिलीवर की गई. इसी बैच की 7,000 राइफल अगले महीने तक दे दी जाएगी. इसके बाद 30% स्वदेशी कंटेंट वाली 10,000 और 70% स्वदेशी कंटेंट वाली 5,000 राइफल इस साल के अंत तक डिलीवर हो जाएगी.
अभी से डिमांड में है AK-203
दुनिया की सबसे खतरनाक AK-47 का सुपर एडवांस वर्जन AK-203 है. इसकी डिमांड भी धीरे-धीरे बढ़ रही है. अमेठी की फैक्ट्री में हर साल बनने वाली 1 लाख 50 हजार राइफल्स में से 1 लाख 20 हजार तो सेना के लिए होंगी, बाकी के 30 हजार को एक्सपोर्ट या देश की पुलिस या पैरामिलिट्री के लिए रखा जाएगा. केरल पुलिस ने तो AK-203 खरीद के लिए 31 मार्च को एक E-टेंडर जारी किया था. इस टेंडर के मुताबिक कुल 250 राइफल की खरीद करनी है.डील होने के बाद केरल देश का पहला राज्य बन जाएगा जिसके पास सबसे आधुनिक असॉल्ट राइफल होगी. मेजर जनरल शर्मा के मुताबिक AK-203 के लिए करीब 20 राज्यों की पुलिस और सीएपीएफ भी चर्चा कर चुकी है. भारत और रूस के मित्र देशों को भी एक्सपोर्ट करने के काम तो भी आगे बढ़ाया जा रहा है.
AK-203 है AK-47 से बेहतर
7.62 X 39mm कैलिबर AK-203 AK सीरीज की अत्याधुनिक असॉल्ट राइफल है. AK-203 असॉल्ट राइफल की रेंज 400 से 800 मीटर है, जबकि AK-47 की 300 मीटर की प्रभावी रेंज है. AK-47 और AK-203 दोनों ही लाइट वेट राइफल कैटेगरी में आती हैं. बिना मैगजीन के AK-203 का वजन 3.8 किलो और AK-47 का वजन 4.3 किलो है. इसमें रिकॉयल भी कम है. बेहतर साइटिंग रेंज कैपेबिलिटी है. इसमें खास तौर पर टेलिस्कोपिक पोजिशन दिए गए हैं. दोनों के रेट ऑफ फायर एक जैसी ही है. एक मिनट में 600 राउंड इससे फायर किया जा सकता है. AK-47 की एक मैगजीन में 20 या 30 गोलियां आती हैं। AK-203 में 30 राउंड आती हैं.
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