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ताइपे में एयर रेड ड्रिल, चीनी हमले की आशंका में तैयारी

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China Taiwan News: ताइवान में चीन के खतरे के बीच मिसाइल हमले के ट्रायल अलर्ट और सैन्य अभ्यास तेज हुए. अब आम लोग भी एयर रेड ड्रिल्स और सिविल डिफेंस में शामिल किए जा रहे हैं.

सायरन गूंजा, मोबाइल पर अलर्ट- 'दुश्मन ने मिसाइल दागी है', ताइवान बना वॉर-जोन!

चीन के हमले से निपटने के लिए तैयार हो रहा ताइवान (Photo : AP & Reuters)

हाइलाइट्स

  • ताइवान में मिसाइल हमले का ट्रायल अलर्ट जारी
  • चीन के खतरे के बीच ताइवान में सैन्य अभ्यास तेज
  • ताइवान सरकार युद्ध की तैयारी में जुटी
ताइपे: ताइवान की राजधानी में गुरुवार दोपहर 1:30 बजे अचानक सायरन बजने लगे. मोबाइल पर संदेश आया- ‘दुश्मन ने उत्तरी ताइवान की ओर मिसाइल दागी है’. चंद सेकंड के भीतर लोग मेट्रो स्टेशन की ओर दौड़ने लगे. कोई शॉपिंग मॉल छोड़ रहा था, तो कोई सड़क पर बस या कार से उतरकर अंडरग्राउंड बंकर की ओर भाग रहा था. यह असली हमला नहीं, बल्कि ताइवान की सालाना एयर रेड ड्रिल थी. लेकिन इस बार का अभ्यास पहले से कहीं ज़्यादा गंभीर और व्यापक था. मेट्रो स्टेशनों, पुलों, स्कूलों और शॉपिंग ज़ोन को सीधे इस वॉर-जोन सिमुलेशन में शामिल किया गया. सरकार और प्राइवेट कंपनियों ने मिलकर पूरे शहर को युद्ध की स्थिति से निपटने का अभ्यास कराया.

70 साल के मिस्टर लियू, जो समय पर मीटिंग नहीं पहुंच पाए, स्टेशन के बाहर खड़े घड़ी देख रहे थे. फिर भी वो सरकार के इस कदम का समर्थन करते हैं. उनका कहना है, ‘हमें सुरक्षित महसूस होता है और यह अभ्यास जरूरी है.’

चीनी हमले की आहट में ताइवान की तैयारी

चीन लगातार ताइवान को हथियारों और सैन्य दबाव से धमका रहा है. राष्ट्रपति शी जिनपिंग ताइवान को चीन का हिस्सा मानते हैं और अगर दबाव और धमकी से काम नहीं बना, तो फोर्स के इस्तेमाल की धमकी भी दी गई है.
इस बार की ड्रिल को ‘हन क्वांग’ सैन्य अभ्यास से जोड़ा गया है. इस अभ्यास में पहली बार 20,000 रिज़र्विस्ट शामिल हुए. 52,000 नागरिकों को डिजास्टर रिलीफ वॉलंटियर के तौर पर ट्रेनिंग दी गई. सरकार की योजना 40 लाख लोगों को वॉर टाइम सपोर्ट सिस्टम में शामिल करने की है.

युद्ध के लिए पब्लिक को तैयार कर रही सरकार

ताइवान सरकार अब लोकल दुकानों, टैक्सी ड्राइवरों और गांवों तक वॉर-टाइम स्ट्रैटजी पहुंचा रही है. नागरिकों को अब बताया जा रहा है कि युद्ध सिर्फ आर्मी का मसला नहीं है, बल्कि हर आम आदमी को इसके लिए तैयार रहना होगा. ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने एक फील्ड हॉस्पिटल सिमुलेशन के दौरान कहा, ‘बड़ी ताकतों के सैन्य और राजनीतिक दबाव के सामने हमारी सिर्फ एक ही तैयारी हो सकती है- प्रैक्टिस और तैयार रहना.’

टैमकांग यूनिवर्सिटी के रणनीतिक मामलों के विशेषज्ञ यिंग-यू लिन के मुताबिक, ‘इस अभ्यास का सबसे अहम संदेश यह है कि युद्ध अब कोई दूर की चीज़ नहीं रह गई.’ हालांकि आलोचनाएं भी हैं. कई लोगों का कहना है कि शेल्टर की लोकेशन तो बताई जाती है, लेकिन ये जगहें वेंटिलेशन और बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं से लैस नहीं होतीं. कुछ लोग मानते हैं कि बचाव के तरीकों की बारीकी से ट्रेनिंग दी जानी चाहिए.

चीन ने इन ड्रिल्स को ‘बेकार की उकसावे वाली हरकत’ कहा है और ताइवान के एयर डिफेंस जोन में जेट और युद्धपोतों की संख्या बढ़ा दी है.

Deepak Verma

Deepak Verma is a journalist currently employed as Deputy News Editor in News18 Hindi (Digital). Born and brought up in Lucknow, Deepak’s journey began with print media and soon transitioned towards digital. He…और पढ़ें

Deepak Verma is a journalist currently employed as Deputy News Editor in News18 Hindi (Digital). Born and brought up in Lucknow, Deepak’s journey began with print media and soon transitioned towards digital. He… और पढ़ें

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