जिला मुख्यालय के वार्ड क्रमांक 13 में स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत लाखों रुपये की लागत से सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया जाना था, लेकिन यह अब तक अधूरा ही है। स्थिति यह है कि स्थानीय लोग इस अधूरे भवन का उपयोग शौचालय के बजाय गाय-भैंस बांधने के तबेले के रूप में कर रहे हैं।
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प्राप्त जानकारी के अनुसार पुराने आईटीआई और पशु औषधालय के पास सामुदायिक शौचालय का निर्माण कार्य वर्ष 2018 में शुरू हुआ था। नगर पालिका अनूपपुर ने इसके लिए 16 लाख 94 हजार रुपये स्वीकृत किए थे। 17 अक्टूबर 2017 को कार्यादेश जारी कर इसे छह महीने में पूर्ण किया जाना था, लेकिन सात साल बीत जाने के बावजूद शौचालय अधूरा पड़ा है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि नगर पालिका और जनप्रतिनिधियों ने इस पर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया, जिसके कारण लाखों रुपये की लागत से बना भवन बेकार पड़ा है। आसपास पशु चिकित्सालय, उद्यानिकी विभाग और एसडीओपी कार्यालय होने के बावजूद लोगों को सार्वजनिक शौचालय की सुविधा नहीं मिल पा रही है, जिससे उन्हें भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। इस संबंध में नगर पालिका अनूपपुर के मुख्य नगर पालिका अधिकारी भूपेंद्र सिंह का कहना है कि मामले की जानकारी ली जा रही है और जल्द ही अधूरे निर्माण को पूर्ण कराने की कार्रवाई की जाएगी।