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हंसते-हंसते स्कूल गई थी बेटी, दोपहर में खोला टिफिन, खुलते ही आ गया हार्ट अटैक!

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राहुल मनोहर/सीकर: राजस्थान के सीकर जिले में 9 साल की एक छोटी बच्ची की हार्ट अटैक से मौत का मामला सामने आया है. छोटी बच्ची को अटैक तब आया जब वह स्कूल में इंटरवल में खाना खाने के लिए टिफिन खोल रही थी. जब बच्ची बेसुध होकर जमीन पर गिरी तो बच्चों ने हंगामा किया. इसके बाद स्कूल के टीचर्स बच्ची को नजदीकी अस्पताल लेकर गए जहां डॉक्टर्स ने प्राथमिक उपचार के बाद उसे सीकर रेफर कर दिया. बीच रास्ते में कार्डियक अरेस्ट के चलते उसकी मौत हो गई. मृतक बच्ची का नाम प्राची कुमावत है. वह सीकर जिले के दांता कस्बे के भोमियाजी की ढाणी की रहने वाली थी और उच्च माध्यमिक आदर्श विद्या मंदिर स्कूल में पढ़ाई कर रही थी.

स्कूल के प्रिंसिपल नंदकिशोर ने बताया बच्ची प्राची कुमावत को उसके पिता पप्पू कुमावत घर से खुद स्कूल छोड़ने के लिए आए थे. वह इसी स्कूल में तीसरी क्लास पास करके चौथी क्लास में आई थी, पढ़ने में भी खूब होशियार थी. उन्होंने बताया कि मंगलवार को जब सुबह 11 बजे स्कूल इंटरवल हुआ था, तब वह अन्य बच्चों के साथ खाना खाने के लिए गई. प्राची अपना टिफिन खोल रही थी, तभी अचानक जमीन पर गिर गई और उसका खाना बिखर गया. क्लास के दूसरे बच्चों की सूचना पर टीचर क्लास में पहुंचे और बच्ची को संभाला. इसके बाद टीचर उसे सरकारी अस्पताल ले गए. दांतारामगढ़ सीएचसी के प्रभारी डॉ. आर के जांगिड़ ने बताया बच्ची को बेहोशी की हालत में अस्पताल लाया गया था. उसे कार्डियक अरेस्ट आया था. प्राथमिक इलाज के बाद उसे सीकर रेफर किया गया, जहां रास्ते में उसकी मौत हो गई.

बच्ची को कुछ दिनों से था सर्दी-जुकाम 

जब बच्चे के माता-पिता से न्यूज 18 ने बात की तो उन्होंने बताया कि प्राची को पिछले दो-तीन दिन से हल्का सर्दी जुकाम था. उसे पहले से कोई बड़ी बीमारी नहीं थी. वह बिल्कुल स्वस्थ थी और हंसते खेलती रहती थी. खेलकूद का भी उसे बड़ा शौक था, पढ़ाई में भी वह तेज तर्रार थी. पिता पप्पू कुमावत ने बताया कि हमें बिल्कुल भी विश्वास नहीं था कि प्राची के साथ ऐसा कुछ हो सकता है.

जानिए क्या होता है कार्डियक अरेस्ट

हेल्थ एक्सपर्ट अर्जुन सिंह शेखावत ने बताया कि कार्डियक अरेस्ट तब होता है जब हृदय की धड़कन अचानक रुक जाती है, जिससे पंपिंग कार्य बाधित हो जाता है. कार्डियक अरेस्ट को हृदय संबंधी विद्युत समस्या माना जा सकता है. दिल का दौरा, जिसे चिकित्सकीय भाषा में मायोकार्डियल इन्फार्क्शन कहा जाता है, तब होता है जब कोरोनरी धमनी रोग के कारण कोरोनरी धमनी अचानक अवरुद्ध हो जाती है. सीकर के जैन सीपीआर केंद्र के कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर महावीर प्रसाद ने बताया कि बदलती जीवन शैली के कारण हष्ट पुष्ट और एकदम स्वस्थ व्यक्ति को भी हार्ट अटैक के केस आ रहे हैं. जिम जाने वाले व्यक्ति और स्कूल के बच्चों में भी हार्ट अटैक के केस आए हैं. आगामी दिनों में यह समस्या और भी विकराल रूप ले सकती है. डॉक्टर महावीर प्रसाद ने बताया कि अगर व्यक्ति को समय पर सीपीआर मिल जाए तो हार्ट अटैक से मौत से बचा जा सकता है. इस कारण घर के प्रत्येक व्यक्ति को सीपीआर देना आना चाहिए.

इस तरह दी जाती है सीपीआर

हेल्थ एक्सपर्ट अर्जुन सिंह शेखावत ने बताया कि अगर किसी परिवार के सदस्य या अन्य व्यक्ति को हार्ट अटैक आता है तो सबसे पहले मरीज को सपाट जगह पर लिटाए. उसके बाद सीने के बीचोंबीच एक अंगूठे पर दूसरा अंगूठा लगाकर जोर से कम्प्रेशन करना है कि कम-से-कम 10 सेंटीमीटर कम्प्रेशन बने ताकि हार्ट दबे. साथ में माउथ-टू-माउथ वेंटिलेशन दे. ऐसा भी कर सकते हैं कि एक व्यक्ति कम्प्रेशन दे और दूसरा वेंटिलेशन. ये करते हुए तुरंत इमरजेंसी नंबर पर कॉल करके एंबुलेंस भी बुलाए. इस प्रक्रिया को तब तक दोहराना है, जब तक हार्ट फिर से काम करने लग जाए या एम्बुलेंस आ जाए.

सीपीआर देते समय इन बातों का रखें ध्यान

हेल्थ एक्सपर्ट अर्जुन सिंह शेखावत ने बताया कि एक मिनट में हार्ट को कम-से-कम 100 से 120 बार पंप करना है और 15 से 20 बार मुंह में सांस देनी है. व्यक्ति की मिनिमम हार्ट बीट 60 होनी चाहिए और हम हर मिनट में 12 से 18 बार सांस लेते हैं तो इसी हिसाब से कम्प्रेशन भी देना है. कम्प्रेशन और माउथ-टू-माउथ वेंटिलेशन दोनों जरूरी है क्योंकि मान लीजिए आप कम्प्रेशन के जरिए बॉडी में ब्लड तो पहुंचा रहे हैं, लेकिन उस ब्लड में ऑक्सीजन नहीं है तो उसका कोई मतलब नहीं है, इसलिए ऑक्सीजन देना जरूरी है. इसके अलावा सीपीआर देते हुए बिल्कुल भी गैप नहीं होना चाहिए.

इस कारण आता है हार्ट अटैक

हेल्थ एक्सपर्ट अर्जुन सिंह शेखावत ने बताया कि हार्ट अटैक दो कारणों से आता है. पहला अपरिवर्तनीय, जैसे उम्र, आनुवांशिकता और लिंग. दूसरा परिवर्तनीय, जैसे मोटापा, धूम्रपान, कोलेस्ट्रॉल, जंक फूड, तनाव, नींद की कमी, शारीरिक निष्क्रियता, अनियंत्रित बीपी और शुगर. मोबाइल का अत्यधिक उपयोग भी इसका एक कारण हो रहा है. हार्टबीट रुकने पर सीपीआर एक जीवन रक्षक तकनीक है. इस तकनीक के जरिए व्यक्ति को पुनर्जीवन मिल सकता है.

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