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दक्षिण चीन सागर में चीन की आक्रामकता का सामना कर रहा फिलीपींस

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South China Sea: दक्षिण चीन सागर में चीन की आक्रामकता के बीच फिलीपींस ने ताइवान के साथ अपने रक्षा संबंधों को मजबूत करना शुरू किया है. दोनों देशों के बीच साझा गश्त और सैन्य गतिविधियां देखी गई हैं.

ब्रह्मोस भारत से, जंगी जहाज जापान से, अब ताइवान के साथ चीन को घेर रहा फिलीपींस

सैन्य अभ्यास करती ताइवान की सेना. (File Photo/Reuters)

हाइलाइट्स

  • फिलीपींस ने ताइवान के साथ रक्षा संबंध मजबूत किए
  • फिलीपींस ने भारत से ब्रह्मोस मिसाइल खरीदी
  • जापान फिलीपींस को छह विध्वंसक जहाज देगा
मनीला: दक्षिण चीन सागर में अब सिर्फ जहाज ही नहीं, इरादे भी आपस में टकरा रहे हैं. चीन की आक्रामकता से जूझ रहा फिलीपींस अब खुलकर अपनी नीति बदल रहा है. लंबे समय से चीन की समुद्री दादागीरी का सामना कर रहा फिलीपींस अब चुप बैठने वाला नहीं है. उसने एक के बाद एक ऐसे कदम उठाए हैं जिससे चीन की जमीन खिसक गई है. पहले वह भारत से ब्रह्मोस मिसाइल खरीद चुका है. इसके बाद अब वह ताइवान के साथ अपने सैन्य रिश्तों को गुपचुप तरीके से मजबूत कर रहा है. वहीं, दूसरी तरफ जापान से हथियारों की मदद लेकर अपनी नौसेना को नई धार दे रहा है. जिस फिलीपींस को कभी ‘सिर्फ मछुआरों का देश’ कहा जाता था, वही आज ड्रैगन को उसकी सीमा याद दिला रहा है.

ताइवान के साथ फिलीपींस की दोस्ती

चीन को टक्कर देने के लिए अब फिलीपींस ने ताइवान से दोस्ती का फैसला किया है. ताइवान को लेकर फिलीपींस अब खुलकर सामने आ गया है. ताइपे टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, फिलीपींस की यह रणनीति क्षेत्र में अस्थिरता को लेकर गहरी चिंता का परिणाम है. फिलीपींस के रक्षा मंत्री गिल्बर्ट टियोडोरो ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा, ‘यह कहना खुद को धोखा देना होगा कि ताइवान की सुरक्षा का हम पर कोई असर नहीं होगा.’ उनका यह बयान साफ दिखाता है कि मनीला अब ताइवान को लेकर अपनी रणनीति में बदलाव कर रहा है, हालांकि आधिकारिक रूप से वह अभी भी एक चीन नीति के तहत बीजिंग को ही मान्यता देता है.

चीन को मुंहतोड़ जवाब

ताइपे टाइम्स के अनुसार, फिलीपींस की ओर से ताइवान के साथ रक्षा सहयोग सार्वजनिक रूप से जताए गए स्तर से कहीं आगे बढ़ चुका है. राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर की नई नीति के तहत ताइवान से सैन्य और अकादमिक संबंधों पर लगी पुरानी रोक को ढीला किया गया है. इस वर्ष की शुरुआत में, फिलीपींस रक्षा संस्थानों से जुड़े शिक्षाविदों ने ताइवान के शीर्ष जनरलों के साथ रणनीतिक विचार-विमर्श में भाग लिया. इसके अलावा, फिलीपींस और ताइवान की कोस्ट गार्ड ने संयुक्त गश्त भी की. हाल ही में ताइवान ने अमेरिका, जापान और फिलीपींस के त्रिपक्षीय सैन्य अभ्यास में अपने पर्यवेक्षक भेजे. विश्लेषकों का मानना है कि यह चीन की समुद्री आक्रामकता का जवाब था.

फिलीपींस ने चली दूसरी चाल

वर्ल्ड वॉर के बाद पहली बार जापान छह विध्वंसक जहाज देगा. जापान अपना ‘अबुकुमा क्लास’ युद्धपोत फिलीपींस को देने की तैयारी में है. 20 एमएम की क्लोज इन हथियार प्रणाली के साथ-साथ यह 76mm की तोपों से लैस हैं. एंटी-सबमरीन मिसाइल और सोनार इसमें लगे हैं. सबसे जरूरी इनका स्टील्थ डिजाइन है जिससे चीन की रडार इनका पता न लगा सकें. ये सौदा सिर्फ ‘जहाज भेजने’ तक सीमित नहीं है. जापान इन युद्धपोतों को फिलीपींस की जरूरत के मुताबिक अपग्रेड करेगा, ट्रेनिंग देगा और साथ में संचार और रडार सिस्टम में भी तालमेल बनाएगा.

Yogendra Mishra

योगेंद्र मिश्र ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म में ग्रेजुएशन किया है. 2017 से वह मीडिया में जुड़े हुए हैं. न्यूज नेशन, टीवी 9 भारतवर्ष और नवभारत टाइम्स में अपनी सेवाएं देने के बाद अब News18 हिंदी के इंटरने…और पढ़ें

योगेंद्र मिश्र ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म में ग्रेजुएशन किया है. 2017 से वह मीडिया में जुड़े हुए हैं. न्यूज नेशन, टीवी 9 भारतवर्ष और नवभारत टाइम्स में अपनी सेवाएं देने के बाद अब News18 हिंदी के इंटरने… और पढ़ें

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