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Success Story- केरल के एक साधारण परिवार में जन्मे पोरिंजू वेलियाथ का बचपन बेहद गरीबी में गुजरा. कर्ज के कारण उनका पैतृक घर बिक गया. फिर उनको अपने परिवार के साथ एक छोटे से कमरे में रहना पड़ा. घर चलाने को उन्हें…और पढ़ें
पोरिंजू वेलियाथ का बचपन बेहद गरीबी में गुजरा.
हाइलाइट्स
- पोरिंजू वेलियाथ का बचपन गरीबी में गुजरा.
- मुंबई में कोटक सिक्योरिटीज में फ्लोर ट्रेडर बने.
- इक्विटी इंटेलिजेंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के फाउंडर हैं.
मशहूर फाइनेंशियल एडवाइज़र तापस चक्रवर्ती ने पोरिंजू वेलियाथ के संघर्ष और सफलता की कहानी को एक लिंक्डइन पोस्ट के माध्यम से शेयर की है. उनकी कहानी किसी बॉलीवुड फिल्म की स्क्रिप्ट जैसी लगती है. मशहूर फाइनेंशियल एडवाइज़र तापस चक्रवर्ती ने उनकी कहानी शेयर करते हुए लिखा कि यह कहानी फिल्म ‘धड़कन’ के सुनील शेट्टी के किरदार की याद दिलाती है — जिसने 50 पैसे से 500 करोड़ तक का सफर तय किया था. फर्क बस इतना है कि पोरिंजू की कहानी रियल है, इंस्पायरिंग है और बिल्कुल ज़मीन से जुड़ी हुई है.
17 साल की उम्र में शुरू की नौकरी
मुंबई में बदली किस्मत
मुंबई आना पोरिंजू के लिए बहुत शुभ रहा. मुंबई में उन्होंने कोटक सिक्योरिटीज में फ्लोर ट्रेडर के रूप में नौकरी शुरू की. यहीं से उन्होंने शेयर मार्केट की बारिकियां सीखनी शुरू कर दी. उन्होंने धीरे-धीरे छोटे इन्वेस्टमेंट करना शुरू किया. उनका पहला बड़ा मुनाफा तब मिला जब उन्होंने श्रेयस शिपिंग के शेयर ₹20 में खरीदे, और ये स्टॉक उन्हें 10 गुना रिटर्न देकर मल्टीबैगर साबित हुआ. कोटक सिक्योरिटीज में उन्होंने चार साल तक नौकरी की. इसके बाद वे पराग पारेख सिक्योरिटीज में फंड मैनेजर के रूप में शामिल हो गए. पराग पारेख में पोरिंजू ने पांच साल बिताए.
पोरिंजू ने पांच साल बाद नौकरी छोड़कर अपनी कंपनी इक्विटी इंटेलिजेंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना की. 2002 में स्थापित और सेबी (SEBI) द्वारा पंजीकृत यह पोर्टफोलियो मैनेजमेंट कंपनी अपने अनूठे और विपरीत (contrarian) निवेश दृष्टिकोण के लिए जानी जाती है. 2003 से लगातार बेहतर प्रदर्शन के साथ कंपनी ने निवेशकों का भरोसा जीता है. कंपनी कुछ लाख से लेकर कई मिलियन तक के पोर्टफोलियो का प्रबंधन करती है, जिसमें देश-विदेश के व्यवसायी और आम लोग शामिल हैं.
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