[ad_1]

सड़कों पर गड्ढों को लेकर पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह के बयान के बाद सीधी सांसद द्वारा सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर लीला साहू को लेकर की गई टिप्पणी पर कांग्रेस ने मोहन यादव सरकार को घेरा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा है कि मुख्यमंत्री मो
.
पीसीसी चीफ पटवारी ने मंत्री सिंह और सांसद राजेश मिश्रा के बयान के बाद कहा कि सत्ता का मद क्या होता है, यह बीजेपी के नेता बार-बार प्रदर्शित कर रहे हैं। प्रदेश में सड़कें खस्ताहाल हैं। गांवों, शहरों की सड़कें करप्शन की भेंट चढ़ गई हैं। ब्रिज हो या नेशनल हाइवे हो या स्टेट हाइवे की सड़क हो, सबके हालात खस्ता हैं। ये करप्शन की भेंट चढ़ गई हैं। एक गर्भवती बहन ने आवाज दी कि जिम्मेदार लोगों सड़क बनाओ। इस पर जन भावना का सम्मान ऐसा कि सड़क बनाने के लिए कहा तो सांसद का बयान बहन को अपमान करने जैसा आ गया है। उनके द्वारा गर्भवती बहन की डिलीवरी की तारीख दी जा रही है कि आप तारीख दो, हम घर से हास्पिटल भेजेंगे पर सड़क नहीं बनाएंगे।
पटवारी ने कहा कि बीजेपी को जनता ने जो जिम्मेदारी सौंपी है, उस जिम्मेदारी का मखौल उड़ाया जा रहा है। सभी मद में चूर हैं। जनभावना के खिलाफ एमपी की राजनीतिक और कानून व्यवस्था चिंताजनक है। पटवारी ने कहा कि सीएम साब, मंत्रियों की जबान पर लगाम लगाओ और दायित्व निभाओ, सड़कों के हालात बुरे हैं। एमपी में भ्रष्टाचार चीख-चीखकर कह रहा है कि 50 प्रतिशत कमीशन की सरकार है। बीजेपी की सरकार में डेटा पॉलिटिक्स की जा रही है। राजनीतिक दल ने कुछ कहा तो एफआईआर कराएंगे। जनता ने भी कुछ कहा तो डराएंगे।
नेता प्रतिपक्ष बोले, ऐसे कितने गांवों की महिलाओं को आप उठवाएंगे?
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने इसी मामले में एक्स पर ट्वीट कर लिखा है कि सीधी में गर्भवती महिलाओं ने सड़क की मांग की तो बीजेपी सांसद राजेश मिश्रा बोल रहे हैं कि डिलीवरी की डेट बताओ, हम उठवा लेंगे। पीडब्ल्यूडी मंत्री बोले रहे हैं कि क्या डंपर लेकर पहुंच जाएं? सोशल मीडिया पर सड़क के लिए संघर्ष कर रहीं लीला साहू के वीडियो ने सत्ताधीशों की संवेदनहीनता को उजागर कर दिया है।
गर्भवती महिला के लिए यह बेशर्मी से भरा बयान, भाजपा का असली संस्कार दिखाता है। सांसद सीधी की जनता ने आपको सांसद बनाकर अपने क्षेत्र की समस्याओं को हल करने की जिम्मेदारी सौंपी थी न कि गर्भवती महिलाओं से यह कहने के लिए कि डिलीवरी डेट बताओ, हम उठा लेंगे। सिंघार ने कहा कि मेरा मंत्री से सीधा सवाल है कि ऐसे कितने गांवों की महिलाओं को आप उठवाएंगे? क्या अब यही आपकी सरकार में विकास का नया मापदंड है? सत्ता का इतना अहंकार ठीक नहीं। जनता सब देख रही है।
[ad_2]
Source link



