सीहोर में सागौन बहुतायात में पाया जाता है। इसलिए सागौन तस्करों की जिले में हमेशा नजर रहती है। वन विभाग भी इन सागौन तस्करों के आगे कमतर ही साबित होगा है। ऐसा ही मामला बुधनी वन परिक्षेत्र अंतर्गत आने वाले खटपुरा बीट के जंगल से इमारती लकड़ी सागौन की तस्करी का मामला सामने आया। वन विभाग की टीम ने कार का पीछा किया तो तस्करों ने कार की स्पीड बढ़ा दी। वन अमले ने भी दिलेरी दिखाते हुए करीब 15 किमी तक पीछा किया, लेकिन अंतत: तस्कर वाहन को रास्ते में खड़ा करने के बाद चकमा देखकर भाग निकले।
जानकारी के अनुसार अलसुबह मुखबिर द्वारा सूचना मिली की ग्राम खटपुरा के जंगल से इमारती लकड़ी सागौन की तस्करी एक सफेद रंग की कार से की जा रही है। सूचना पर वन विभाग द्वारा एक टीम का गठन कर सर्चिंग अभियान चलाया गया। टीम को खटपुरा की मुख्य सड़क पर जंगल से आती हुई एक कार दिखी, जिसे घेराबंदी कर रोकना चाहा, लेकिन कार चालक वन विभाग की टीम को देखकर कार को बुधनी की तरफ तेज रफ्तार से ले गया। उसका पीछा वन विभाग की टीम कर रही थी।
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बताया जा रहा है कि ग्राम खटपुरा से करीब 15 किमी दूर ग्राम बगबाड़ा के पुल के समीप आरोपी कार को मुख्य सड़क पर छोड़कर भाग निकले। वन विभाग की टीम ने कार नंबर डीएल 7 सीएफ 3122 और उसमें रखी आठ नग सागौन सिल्लियों को जब्त कीं। वन विभाग की टीम ने कार सहित सागौन लकड़ी जब्त कर वन अपराध अधिनियम के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया है।
वन विभाग की टीम ने आरोपियों की पहचान की
बताया जा रहा है कि आरोपियों की पहचान भी वन विभाग की टीम द्वारा कर ली है और उनकी तलाश की जा रही है। इस कार्रवाई से वन विभाग की तत्परता और प्रतिबद्धता का पता चलता है। वन विभाग का कहना है कि शीघ्र ही सागौन तस्करों को पकड़ लिया जाएगा। आरोपियों पर वन अपराध अधिनियम के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया है। जब्त की गई सागौन सिल्लियों की अनुमानित कीमत आठ हजार रुपये बताई गई है। वन विभाग की कार्रवाई के दौरान वन रक्षक रविंद पटेल, वन रक्षक आशुतोष पुरोहित, वनरक्षक अंकित यादव, वन रक्षक राकेश चौहान, सुरक्षा श्रमिक मोटू व सुरक्षा श्रमिक कमलेश की अहम भूमिका रही।