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घटना को लेकर जांच के आदेश दे दिए गए हैं.
प्रारंभिक जांच के अनुसार, यह घटना ओएमएस डिवीजन के टैंक (एफआईबीआई7029) में खराबी की जांच के दौरान हुई. दीप चंद्र और बिजली प्रसाद टैंक के ऊपरी हिस्से पर निरीक्षण के लिए गए थे. इसी दौरान हादसा हुआ. उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन दोनों को बचाया नहीं जा सका. दोनों को बचाने की कोशिश कर रहे एक अन्य कर्मचारी विनायक मायागेरी भी जहरीली गैस की चपेट में आकर बेहोश हो गए. उन्हें मंगलुरु के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उनका इलाज चल रहा है.
मंगलुरु शहर के पुलिस आयुक्त सुधीर कुमार रेड्डी ने कहा कि मृतकों के परिजनों के बयानों के आधार पर मामला दर्ज किया जाएगा. पुलिस आयुक्त रेड्डी ने कहा, ‘प्रारंभिक जानकारी से हाइड्रोजन सल्फाइड गैस का मामूली रिसाव होने का पता चलता है, जिसे कर्मचारियों ने अपनी नियमित ड्यूटी के दौरान टैंक की जांच करते समय सांस के ज़रिए अंदर ले लिया होगा.’ उन्होंने बताया कि उस समय कर्मचारी मास्क पहने हुए थे. एमआरपीएल की अग्निशमन एवं सुरक्षा टीम ने रिसाव को बंद कर दिया है तथा क्षेत्र को सुरक्षित घोषित कर दिया है.
यह कर्नाटक में हाल के महीनों में जहरीली गैस रिसाव से जुड़ी तीसरी बड़ी दुर्घटना है. जनवरी 2025 में, कोप्पल जिले में एक औद्योगिक इकाई में जहरीली गैस के रिसाव से मजदूर मारुति कोरागल की मौत हो गई थी और दस अन्य कर्मचारी बीमार पड़ गए थे. मई 2024 में, मैसूर के यारागनहल्ली में एक परिवार के चार सदस्य (कुमारस्वामी, उनकी पत्नी मंजुला और बेटियां अर्चना व स्वाति) घर में जहरीली गैस की चपेट में आने से मृत पाए गए थे.
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h…और पढ़ें
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h… और पढ़ें
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