मध्य प्रदेश के बालाघाट जिमें जबलपुर-नागपुर हाईवे को जोड़ने वाले कटंगी मार्ग पर बना एक एक्स आकार का पुल बीते 15 वर्षों से मौत को दावत दे रहा है। यह पुल इंजीनियरिंग की एक ऐसी मिसाल बन चुका है, जिसे देखकर लोग सिर पकड़ लेते हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार, यह पुल अपनी अजीबोगरीब बनावट और खराब रखरखाव के कारण आए दिन हादसों का कारण बन रहा है। अब तक दर्जनों लोग इस पर जान गंवा चुके हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से सुधार का कोई प्रयास नहीं किया गया है।
ग्रामीणों ने बताया कि हाल ही में एक डंपर इस पुल की रेलिंग तोड़ते हुए लटक गया था। गनीमत रही कि कोई जान हानि नहीं हुई, लेकिन पुल फिर से क्षतिग्रस्त हो गया। हादसे के बाद डंपर को क्रेन की मदद से हटाया गया, लेकिन मरम्मत के नाम पर केवल मामूली काम कर पुल को फिर से खोल दिया गया। स्थानीय निवासी बताते हैं कि रात के वक्त तेज रफ्तार में आने वाले वाहनों के लिए यह पुल मौत का जाल साबित होता है। जिन्हें पुल की बनावट का अंदाजा नहीं होता, वे सीधे रैलिंग से टकरा जाते हैं। पुल की डिजाइन के कारण यहां दर्जनों मौतें हो चुकी हैं। इसके बावजूद न तो प्रशासन ने इसे पूरी तरह बंद किया और न ही इसके पुनर्निर्माण की दिशा में कोई ठोस कदम उठाया गया है।
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‘डेंजर’ का बोर्ड लगा, लेकिन सुरक्षा नदारद
प्रशासन ने पुल के दोनों ओर ‘डेंजर’ का बोर्ड लगाकर अपनी जिम्मेदारी निभा दी है, लेकिन यह चेतावनी नाकाफी साबित हो रही है। हादसों के बाद केवल जर्जर हिस्सों की मरम्मत कर दी जाती है, जिससे समस्या जस की तस बनी रहती है। यह पुल जबलपुर-नागपुर को जोड़ने वाले मुख्य मार्ग पर स्थित है। कटंगी सहित आसपास के कई गांवों से आने-जाने वाले रोजाना लगभग 1000 वाहन इसी पुल से गुजरते हैं। इतने भारी ट्रैफिक के बावजूद पुल की हालत चिंताजनक बनी हुई है।
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लोगों ने प्रशासन ने की यह मांग
ग्रामीणों ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि इस पुल को या तो पूरी तरह दुरुस्त किया जाए या नए सिरे से निर्माण कराया जाए, ताकि भविष्य में और लोगों की जान न जाए।