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After Vijayvargiya’s complaint, the forest department released the data | इंदौर वन विभाग ने मंत्री को दिया जवाब: बताया-6.84 लाख का टारगेट, 4.13 लाख का हो चुका रोपण; CM से कहा था-निर्देश देकर जाएं – Indore News

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मंच के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे।

वन विभाग ने इंदौर में किए गए पौधरोपण के आंकड़े शनिवार रात जारी किए हैं। जिसमें बताया है कि जारी वर्ष में कुल 6 लाख 84 हजार 900 पौधों के रोपण का लक्ष्य रखा है।

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अब तक 4 लाख 13 हजार 600 पौधों का रोपण कार्य पूरा किया जा चुका है। वहीं, पौधे लगाने के इच्छुक व्यक्तियों को उचित गुणवत्ता के पौधे शासकीय मूल्य पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। विभाग के पास पर्याप्त संख्या में पौधे उपलब्ध हैं।

दरअसल, कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के सामने वन विभाग की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि वन विभाग से हमें सहयोग नहीं मिल रहा, पौधे समय पर नहीं मिल पा रहे। अब तक हम 7 लाख पेड़ लगा चुके हैं। बता दें, वन मंत्री का दायित्व खुद सीएम डॉ. मोहन यादव के पास है।

बताया रियायती दरों पर दे रहे पौधे मंत्री की नाराजगी के बाद शनिवार देर रात को वन विभाग ने प्रेस नोट जारी किया। जिसमें बताया कि पौधारोपण को जनभागीदारी से जोड़ने के उद्देश्य से विभागों, एनजीओ, शासकीय संस्थानों और आम लोगों को उचित गुणवत्ता वाले पौधे रियायती दरों पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। साथ ही रोपण के लिए आवश्यक तकनीकी सहयोग भी दे रहे हैं।

वनमंडलाधिकारी ने बताया कि विगत वर्ष के पौधारोपण के साथ अतिरिक्त रूट शूट रोपण से भी पौधारोपण लक्ष्य प्राप्त किया था। किंतु, रूट शूट रोपण की जीविवता प्रतिशत बहुत कम होने से रूट शूट रोपण इस वर्ष नहीं किया जा रहा है।

विभाग इन नर्सरी से दे रहा पौधे इंदौर जिले में डेमो रोपणी खंडवा रोड, रेसीडेंसी रोपणी, नवरतनबाग रोपणी, भेरुघाट, बड़गोंदा और किशनपुरा रोपणियों में विक्रय के लिए शासकीय दरों पर पर्याप्त संख्या में पौधे उपलब्ध हैं। वन विभाग द्वारा उपलब्ध संसाधनों के अनुरूप पूर्ण रुचि ली जाकर पौधारोपण महा अभियान में भागीदारी की जा रही है।

इंदौर निवासियों को वन विभाग द्वारा कम मूल्य में उचित गुणवत्ता के पौधे प्रदाय किए जा रहे हैं। रोपण के लिए आवश्यक तकनीकी सहयोग प्रदान किया जा रहा है। जिससे कि अधिक से अधिक पौधारोपण इंदौर जिले में सुनिश्चित किया जा सके।

रावत के इस्तीफे के बाद से वन का दायित्व सीएम के पास मप्र में बीजेपी की मोहन सरकार बनने के बाद 6 मंत्रियों को दो से तीन विभाग दिए गए थे। इसमें से ही एक मंत्री नागर सिंह चौहान को भी दो मंत्रालय मिले थे। एक मंत्रालय उन्हें वन और दूसरा पर्यावरण मंत्रालय दिया था। लेकिन सरकार ने लगभग 11 महीने पहले उनसे वन मंत्रालय वापस ले लिया। इसके बाद वन मंत्रालय कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए रामनिवास रावत को दिया गया। लेकिन, विधानसभा उपचुनाव में करारी शिकस्त के बाद रामनिवास रावत ने वन मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद से ही वन मंत्रालय का दायित्व सीएम मोहन यादव के पास है।

कांग्रेस बोली-विजयवर्गीय की जंगल का विभाग ही नहीं सुन रहा एमपी कांग्रेस ने कैलाश विजयवर्गीय के बयान पर कटाक्ष करते हुए ट्वीट किया। कांग्रेस ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा- देखो देखो कौन आया, शेर आया शेर आया… के नारे से अगवानी के लिए जाने जाने वाले कैलाश विजयवर्गीय की जंगल का विभाग ही नहीं सुन रहा और मंच से मांग करने के बाद भी मुख्यमंत्री नहीं सुन रहे! जूनियर के सीनियर हो जाने की पूरी कीमत विजयवर्गीय चुका रहे हैं। शेर को नए राजा ने पिंजरे में जकड़ दिया है!

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