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Shravan month starts today, crowd in temples | श्रावण माह आज से, देवालयों में भक्तों की भीड़: तड़के 3 बजे हुई महाकाल की आरती, शयन आरती तक जारी रहेगा दर्शन का सिलसिला – Ujjain News

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श्रावण माह आज से शुरू हो गया है, जो 30 दिन चलेगा और इसमें इस बार चार सोमवार पड़ेंगे। अनुमान है कि श्रावण माह में 80 लाख से अधिक श्रद्धालु उज्जैन आएंगे और महाकाल के दर्शन करेंगे। माह के पहले दिन शुक्रवार को भगवान महाकाल की भस्म आरती के दौरान तड़के 3 बजे

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वीरभद्र जी के कान में स्वस्ति वाचन कर, घंटी बजाकर, भगवान से आज्ञा लेकर सभा मंडप वाले चांदी के पट खोले गए और कर्पूर आरती की। नंदी हाल में नंदी जी का स्नान,ध्यान, पूजन किया गया। जल से भगवान महाकाल का अभिषेक करने के बाद दूध, दही, घी, शकर, शहद फलों के रस से बने पंचामृत से पूजन किया गया। भगवान महाकाल का रजत चंद्र, त्रिशूल, मुकुट, आभूषण के साथ, भांग, चन्दन, ड्रायफ्रूट से श्रृंगार कर भस्म चढ़ाई गई।

भगवान महाकाल ने शेषनाग का रजत मुकुट, रजत की मुण्डमाल और रुद्राक्ष की माला के साथ सुगन्धित पुष्प की माला धारण की। फल और मिष्ठान का भोग लगाया। श्रावण माह के पहले दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु भस्म आरती के बाद से पहुंचना शुरू हो गए थे। चलायमान आरती में भी श्रद्धालुओं ने भस्म आरती कर बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया। महा निर्वाणी अखाड़े की ओर से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गई।

बिल्व पत्र और जल अर्पित कर भगवान महाकाल का आशीर्वाद लें भक्त

महेश पुजारी ने बताया कि श्रावण माह तपस्या का माह रहता है। महाकाल मंदिर में 3 बजे भस्म आरती कर आज इसकी शुरुआत हुई है। भगवान की दिनचर्या रोज की तरह रही। सुबह भगवान को भांग, चन्दन अर्पित किया गया। श्रावण माह में महाकाल मंदिर में दर्शन करने आने वाले भक्त बिल्व पत्र, जल अर्पित कर भगवान महाकाल को प्रसन्न करते हैं।

महाकाल मंदिर में सामान्य श्रद्धालु यहां से प्रवेश करें

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श्री महाकालेश्वर मंदिर में सामान्य श्रद्धालुओं के लिए सरल-सुलभ दर्शन की व्यवस्था की गई है। श्रद्धालुओं का प्रवेश त्रिवेणी संग्रहालय के समीप से होगा और वे नंदीद्वार, श्री महाकाल महालोक, मानसरोवर भवन, फेसेलिटी सेंटर-1, टनल मंदिर परिसर, कार्तिक मण्डपम, गणेश मण्डपम होते हुए भगवान श्री महाकालेश्वर जी के दर्शन करेंगे। भारत माता मंदिर की ओर से प्रशासनिक कार्यालय के पास से आने वाले श्रद्धालु शंख द्वार से मानसरोवर भवन में प्रवेश कर फेसेलिटी सेंटर-1, टनल मंदिर परिसर, कार्तिक मण्डपम, गणेश मण्डपम से दर्शन के बाद निर्गम द्वार (निर्माल्य द्वार) या आपातकालीन निर्गम द्वार से सीधे बाहर की ओर प्रस्थान करेंगे।

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