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86 degree railway overbridge at Nepanagar, Burhanpur | बुरहानपुर के नेपानगर में 86 डिग्री वाला रेलवे ओवरब्रिज: 38 करोड़ से 7 साल में बना, दो हादसों के बाद भी नही लगी सुरक्षा जालियां – Burhanpur (MP) News

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बुरहानपुर जिले के नेपानगर में स्थित रेलवे ओवरब्रिज की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। 86 डिग्री कोण पर बने इस पुल का निर्माण 7 साल में पूरा हुआ था। पुल 2 साल पहले जनता के लिए खोला गया।

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16 मीटर चौड़े इस पुल पर अभी तक सुरक्षा जालियां नहीं लगाई गई हैं। सेतु निगम ने नगर पालिका को जालियां लगाने की अनुमति दे दी है। लेकिन नगर पालिका की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

नगर पालिका के इंजीनियर का कहना है कि इंदौर से टेक्निकल स्वीकृति का इंतजार है। पिछले 2 सालों में पुल पर 2 हादसे हो चुके हैं। बता दें कि भोपाल के ऐशबाग में 90 डिग्री वाले पुल की चर्चा पूरे देश में होने के बाद लोग नेपानगर के इस ओवरब्रिज की सुरक्षा व्यवस्था उठा रहे है।

नेपानगर में 2 साल पहले अस्तित्व में आया 86 डिग्री का रेलवे ओवरब्रिज।

नेपानगर में 2 साल पहले अस्तित्व में आया 86 डिग्री का रेलवे ओवरब्रिज।

अब जानिए ब्रिज की पूरी कहानी

7 साल में बनकर तैयार हुआ, 2023 में लोगों के लिए खोला

जानकारी के अनुसार, नेपानगर में करीब 9 साल पहले 34 करोड़ की लागत से आंबेडकर चौराहा से संजय नगर तक रेलवे ओवरब्रिज स्वीकृत हुआ। 2 साल पहले यह अस्तित्व में आया, जबकि काम 7 साल में पूरा हुआ।

समाजसेवी प्रवीण काटकर ने बताया कि तत्कालीन विधायक राजेंद्र दादू ने 2015-16 में इस बिज की स्वीकृति कराई थी। इसके बाद कभी काम बंद तो कभी चालू होता रहा। सेतु निगम ने अपने हिस्से का काम करा लिया था, लेकिन रेलवे के हिस्से का काम बाद में पूरा हुआ था।

पहले इसकी लागत 34 करोड़ थी, लेकिन, देरी के कारण इसकी लागत 38 करोड़ हो गई थी। 2023 में इस ओवरब्रिज से यातायात शुरू होते ही मातापुर बाजार स्थित रेलवे गेट को बंद कर दिया गया। पहले यहां से ही शहर के लोगों का आवागमन होता था। अब यहां रेलवे की ओर से अंडरपास बन रहा है।

रेलवे ओवरब्रिज पर हादसा होने के बाद मार्च में नपाध्यक्ष भारती पाटिल ने इंजीनियर के साथ ब्रिज का विजिट किया था।

रेलवे ओवरब्रिज पर हादसा होने के बाद मार्च में नपाध्यक्ष भारती पाटिल ने इंजीनियर के साथ ब्रिज का विजिट किया था।

दो साल में 2 बार हो चुके हादसे

नेपानगर के 86 डिग्री वाले इस ओवरब्रिज पर जालियां नहीं लगने से दो साल में दो गंभीर हादसे हो चुके हैं। पहले हुए हादसे में एक युवक बाइक से जाते समय बाइक बेकाबू होने पर गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गया था तो वहीं दूसरे मामले में 26 फरवरी 2025 को एक युवक की बाइक बेकाबू होने पर वह ब्रिज के 40 फिट उंचाई वाले हिस्से से नीचे गिरा था जिससे उसकी मौत हो गई थी।

नपाध्यक्ष ने इंजीनियरों के साथ किया था निरीक्षण

22 फरवरी को हुए हादसे के बाद नेपानगर नगर पालिका अध्यक्ष भारती विनोद पाटील ने रेलवे ओवरब्रिज का निरीक्षण किया था। उन्होंने जल्द ही ब्रिज पर सुरक्षा जालियां लगाने की बात कही थी, लेकिन 3 माह से अधिक समय बीतने के बाद भी यहां जालियां नहीं लगी है। नपाध्यक्ष का कहना है कि जालियां लगाने की प्रक्रिया चल रही है।

मार्च से अब तक सुरक्षा जालियां लगाने की प्रक्रिया पूरी नहीं कराई गई।

मार्च से अब तक सुरक्षा जालियां लगाने की प्रक्रिया पूरी नहीं कराई गई।

अफसर बोले- इंदौर से टेक्निकल स्वीकृति का इंतजार

मामले में नेपानगर नगर पालिका इंजीनियर प्रकाश बड़वाहे ने बताया कि ओवरब्रिज पर सुरक्षा जालियां लगाने की फाइल प्रक्रिया में है। सेतु निगम ने स्वीकृति दे दी है, लेकिन टेक्निकल स्वीकृति के लिए फाइल इंदौर गई है। वहां से आते ही सुरक्षा जालियों का काम कराया जाएगा।

नेपानगर का ओवरब्रिज 90 डिग्री वाला नहीं

वहीं सेतु निगम बुरहानपुर के इंजीनियर अरूण गंगराड़ के अनुसार नेपानगर का रेलवे ओवरब्रिज 90 डिग्री वाला नहीं है, बल्कि यह 86 डिग्री का है। इसकी चौड़ाई 16 मीटर है और गोलाई भी अधिक है। चार साल पहले हम ब्रिज बना चुके थे।

बाद में रेलवे ने बीच में गर्डर डालने का काम कराया। 2 साल पहले ब्रिज अस्तित्व में आया, लेकिन ऐसे कोई हादसे नहीं हुए हैं। सिर्फ दो मामले सामने आए। इसके बाद हमारी ओर से नपा को जालियां लगाने की अनुमति दे दी गई है।

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