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भारतीय सेना का ऑपरेशन जल राहत-2: पूर्वोत्तर में बाढ़ राहत अभियान.

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OPERATION JAL RAHAT-2: भारतीय सेना सिर्फ सरहदों की सुरक्षा में ही नहीं लगी होती. किसी भी राहत बचाव के ऑपरेशन में भी सबसे पहले खुद को झोंक देती है. बाढ़ हो या चक्रवात सेना हमेशा राहत बचाव के लिए तैयार रहती है. ह…और पढ़ें

ऑपरेशन जल राहत-2 में सेना ने बचाई 3820 की जान, बारिश से पूर्वोत्तर राज्य बेहाल

ऑपरेशन जल राहत 2 जारी

हाइलाइट्स

  • सेना ने ऑपरेशन जल राहत-2 में 3,820 लोगों को बचाया.
  • सेना ने 15,421 पानी की बोतलें जरूरतमंदों को बांटी.
  • सेना ने 1,361 फूड पैकेट्स और 2,095 लोगों को चिकित्सा सुविधा दी.
OPERATION JAL RAHAT-2: हर साल मानसून पूरे देश में राहत भी लेकर आता है और उसका कहर भी लोगों को झेलना पड़ता है. इस वक्त उत्तर से लेकर पूर्वोत्तर इलाके में जबरदस्त बारिश का कहर है. सेना ने भी कमर कस ली है. पूर्वोत्तर के राज्यों में भारतीय सेना ने राहत बचाव के लिए ऑपरेशन शुरू किया है. इसका नाम है ऑपरेशन जल राहत 2. पूर्वोत्तर क्षेत्र में हाल ही में हुई भारी बारिश और शहरी बाढ़ के जवाब में, भारतीय सेना ने ऑपरेशन जल राहत-2 के तहत बड़े पैमाने पर मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) अभियान शुरू किया है. यह ऑपरेशन नागालैंड, असम और मणिपुर में साथ चलाया जा रहा है. इस ऑपरेशन को असम राइफल्स (उत्तर) मुख्यालय महानिरीक्षक हेडक्वार्टर स्थानीय प्रशासन के सहयोग से अंजाम दे रही है.

ऑपरेशन जल राहत-2 सेना जुटी
बाढ़ राहत में सेना दिन रात जुटी है. 10 जुलाई 2025 तक, भारतीय सेना ने कुल 3,820 लोगों को रेस्क्यू किया. 1,361 फूड पैकेट्स और 2,095 लोगों को चिकित्सा सुविधा प्रदान की. चूंकि बाढ़ के हालातों में पीने के पानी की सबसे बड़ी समस्या होती है, सबसे प्रभावित जगहों में सेना पीने का पानी भी मुहैया करा रही है. अब तक 15,421 पानी की बोतलें जरूरतमंदों को बांटी गई हैं. पूरे ऑपरेशन में सेना ने 40 रिलीफ कॉलम को तैनात किया है. इसमें 24 तो ऑपरेशन को अंजाम दे रहे हैं, जबकि 16 को रिजर्व में रखा गया है.

सेना कर रही है हालात को मॉनिटर
10 जुलाई 2025 को दीमापुर के स्थानीय प्रशासन ने सेना से मदद मांगी. दीमापुर के डिप्टी कमिश्नर ने सिंगरिजन कॉलोनी, जो कि सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र है, उसके लिए तत्काल बाढ़ राहत ऑपरेशन करने का अनुरोध किया. सेना ने तुरंत इंजीनियर टास्क फोर्स (ETF) टीम को तैनात कर दिया. सेना पहले ही राहत बचाव के लिए स्टैंडबाय पर थी. जैसे ही आधिकारिक अनुरोध आया, सेना अपने काम में जुट गई. ऊपरी असम के गोलाघाट जिले में धनसिरी नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी. हालांकि अब जल स्तर कम हो रहा है, भारतीय सेना लगातार पूरी स्थिति को मॉनिटर कर रही है. जरूरत पड़ने पर सेना अपने ऑपरेशन को अंजाम देना शुरू करेगी. मणिपुर के इंफाल पश्चिम और बिष्णुपुर जिलों से होकर बहने वाली नांबोल नदी भी खतरे के निशान को पार कर गई थी. हालांकि बाढ़ का पानी कम होने लगा है, सेना लगातार लोगों की मदद में पूरी तरह से जुटी है.

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