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A big dot started appearing in the new laptop after 2 months | लैपटॉप में खराबी, उपभोक्ता फोरम ने दिलाए 84 हजार रुपए: वारंटी में भी दो बार खराब हुआ लैपटॉप, कंपनी नजरअदांज करने लगी;अब जुर्माना भी देना होगा – Indore News

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एक युवक ने कंपनी से नया लैपटॉप खरीदा, लेकिन एक हफ्ते में ही उसकी स्क्रीन पर बड़ा डॉट दिखने लगा। अन्य खराबियां भी सामने आने लगीं। युवक ने कंपनी से संपर्क किया। चूंकि लैपटॉप वारंटी अवधि में था, इसलिए कंपनी ने उसे उसी मॉडल का नया लैपटॉप बदलकर दे दिया। ल

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इस बार कंपनी ने लैपटॉप बदलने से साफ इनकार कर दिया और टालमटोल करने लगी। इस मामले में उपभोक्ता फोरम ने कंपनी को आदेश दिया है कि कंपनी लैपटॉप की कीमत ₹84,000 ब्याज सहित लौटाए। साथ ही मानसिक प्रताड़ना और परिवाद खर्च के रूप में ₹5,000-₹5,000 की अतिरिक्त राशि भी चुकाए।

मामला रेडियो कॉलोनी निवासी पुनीत तिवारी का है। उन्होंने 17 अगस्त 2020 को कल्पतरु कम्प्यूटर्स से आसुस कंपनी का लैपटॉप ₹84,000 में खरीदा था, जिसका भुगतान उन्होंने ऑनलाइन किया था। इस दौरान कल्पतरु कम्प्यूटर्स की ओर से कहा गया था कि पहले डेमो पीस देख लें और फिर ऑनलाइन ऑर्डर करें, क्योंकि यदि हमने पैक पीस खोलकर डेमो दिया तो वह लैपटॉप फिर किसी को नहीं बेचा जा सकेगा।

इस पर सहमति जताते हुए पुनीत ने डेमो देखकर भुगतान कर ऑनलाइन लैपटॉप प्राप्त किया।

शुरुआती फॉल्ट: धब्बे, बैटरी चार्जिंग और हीटिंग की समस्या रही

नए लैपटॉप को इंस्टॉल करने के बाद पुनीत को स्क्रीन पर धब्बे, बैटरी चार्जिंग की समस्या और लैपटॉप के अत्यधिक गर्म होने जैसी खामियां नजर आईं। साथ ही स्क्रीन पर एक चमकीला डॉट भी दिखने लगा। उन्होंने पहले इसे कल्पतरु कम्प्यूटर्स को दिखाया, जहां से उन्हें मंगल सिटी मॉल स्थित कंपनी के सर्विस सेंटर भेजा गया। सर्विस सेंटर ने जांच के बाद 27 अगस्त 2020 को उसी मॉडल का नया लैपटॉप उपलब्ध कराया।

वही फॉल्ट दोबारा, लेकिन इस बार नहीं बदला

कुछ दिनों बाद नए लैपटॉप में भी पहले जैसी सारी समस्याएं फिर से आने लगीं। पुनीत ने जब दोबारा संपर्क किया तो कल्पतरु कम्प्यूटर्स ने बताया कि फिलहाल वह मॉडल उपलब्ध नहीं है, इसलिए लैपटॉप नहीं बदला जा सकता। इसके बाद लगातार टालमटोल की जाती रही।

उपभोक्ता फोरम में लगाया गया केस

थक-हार कर पुनीत ने 18 सितंबर 2020 को जिला उपभोक्ता फोरम में परिवाद दायर किया। इसमें कल्पतरु कम्प्यूटर्स, इंफो साल्युसंस प्रा. लि. (सर्विस सेंटर) और आसुस इंडिया प्रा. लि. (मुंबई) को पक्षकार बनाया गया। पुनीत ने ₹84,000 की राशि और ₹25,000 मानसिक प्रताड़ना के लिए देने की मांग की।

फोरम में ऐसे हुए तर्क-वितर्क

  • कल्पतरु कम्प्यूटर्स की ओर से सुनवाई में कोई उपस्थिति नहीं हुई।
  • इंफो साल्युसंस प्रा. लि. और आसुस इंडिया प्रा. लि. की ओर से वकील ने तर्क दिया कि जब ग्राहक ने लैपटॉप खोलकर देखा ही नहीं था, तो परिवाद समयपूर्व (प्री-मैच्योर) है और खारिज किया जाना चाहिए।
  • यह भी कहा गया कि पुनीत ने कोई प्रमाण या तकनीकी जांच रिपोर्ट पेश नहीं की जिससे यह साबित हो कि लैपटॉप में मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट है।
  • कंपनी की ओर से “कैविएट एम्प्टर” सिद्धांत लागू करने की बात कही गई, जिसमें ग्राहक को वस्तु खरीदते समय पूरी जांच करनी होती है।
  • वहीं, पुनीत की ओर से उनका शपथ-पत्र, भुगतान रसीदें और ऑनलाइन दस्तावेज पेश किए गए।
  • कंपनी की ओर से केवल एक कर्मचारी मैथ्यू का जवाब प्रस्तुत किया गया, लेकिन कोई साक्ष्य नहीं दिए गए।
  • पुनीत के वकील नरेंद्र तिवारी ने तर्क दिया कि जब कंपनी ने पहली बार लैपटॉप बदला था, तो यह स्वयं इस बात का प्रमाण है कि उसमें निर्माण दोष था।
  • दूसरी बार केवल यह कह देना कि मॉडल उपलब्ध नहीं है और बाद में देने की बात करना, सेवा में कमी की श्रेणी में आता है।

पांच साल में 42 बार सुनवाई

इस केस की सुनवाई पांच साल तक चली, जिसमें 42 बार अलग-अलग तारीखों पर पीड़ित पक्ष, उनके वकील और कंपनियों के प्रतिनिधि उपस्थित हुए। अंततः 3 जुलाई को फोरम अध्यक्ष विकास राय और सदस्य डॉ. निधि बारंगे ने फैसला सुनाते हुए आदेश दिया कि इंफो साल्युसंस प्रा. लि. पुनीत को लैपटॉप की कीमत ₹84,000 और 6% वार्षिक ब्याज के साथ 45 दिनों के भीतर अदा करे।

इसके अलावा मानसिक प्रताड़ना व परिवाद खर्च के ₹5,000-₹5,000 की राशि भी 6% वार्षिक ब्याज सहित 45 दिनों के भीतर अदा की जाए।

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