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पिछले दिनों सरकारी बंगला खाली न कर पाने की वजह से चर्चा में आए पूर्व सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के जीवन में कई उतार-चढ़ाव आए हैं. उनकी पहली पत्नी रश्मि का कैंसर से निधन हो गया था.
पूर्व सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ पत्नी कल्पना दास के साथ.
हाइलाइट्स
- डीवाई चंद्रचूड़ ने 49 साल की उम्र में दूसरी शादी की
- पहली पत्नी रश्मि का 2007 में कैंसर से निधन हुआ
- 2015 में दो बच्चियों प्रियंका और माही को गोद लिया
पहली पत्नी रश्मि का कैंसर से निधन
भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश रहे डीवाई चंद्रचूड़ की पहली शादी रश्मि से हुई थी. रश्मि कैंसर से पीड़ित थीं और 2007 में इसी के कारण उनका निधन हो गया. कोई कल्पना ही कर सकता है कि उस व्यक्ति के लिए यह कितना मुश्किल होगा जिसके साथ उन्होंने अपना पूरा जीवन बिताने का फैसला किया था. उन्हें खोने के बाद दुख से उबरना कितना मुश्किल रहा होगा. अपनी पहली पत्नी के बारे में बात करते हुए डीवाई चंद्रचूड़ ने एक बार खुलासा किया था कि रश्मि की जिम्मेदारी उन पर थी और उन्हें अदालत और अस्पताल के बीच तालमेल बिठाना पड़ता था. उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी अस्पताल में भर्ती थीं और वह उनकी देखभाल करते थे. वह नियमित रूप से अस्पताल से अदालत जाते थे और काम के बाद फिर से उसी जगह लौट आते थे.
चंद्रचूड़ और कल्पना अपनी दोनों बेटियों के साथ.
चंद्रचूड़ की कल्पना से दूसरी शादी
यह 2008 की बात है जब डीवाई चंद्रचूड़ ने 49 साल की उम्र में कल्पना दास से शादी की. कल्पना खुद भी कानूनी पेशे में हैं. कल्पना के बारे में बात करते हुए डीवाई चंद्रचूड़ ने ‘द वीक’ को बताया कि वह और कल्पना बहुत अच्छे दोस्त हैं और उनकी पत्नी उनके जीवन में शक्ति का स्रोत रही हैं. जस्टिस चंद्रचूड़ के अनुसार उनके जीवन में ऐसा कुछ भी नहीं है जो उन्होंने एक-दूसरे के साथ साझा न किया हो. उनकी पत्नी के गहरे सामाजिक मूल्य हैं, जिसने उन्हें एक व्यक्ति के रूप में विकसित होने में भी मदद की.
बताया, संयोग से हुई थी मुलाकात
‘द वीक’ को दिए एक इंटरव्यू में डीवाई चंद्रचूड़ ने बताया कि जब उन्होंने कल्पना को प्रपोज किया तो उस समय उनकी शादी होने की संभावना सबसे कम थी. पूर्व सीजेआई ने साझा किया कि उनकी और कल्पना की मुलाकात संयोग से हुई थी. जब उन्होंने ‘क्या तुम मुझसे शादी करोगी’ कहकर सवाल पूछा तो वह हैरान रह गईं. डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, “जब मैंने उसे प्रपोज किया तो कल्पना एक पक्की सिंगल महिला थी. वह अकेले रहकर बहुत खुश थी. वह काम कर रही थी और दिल्ली में रहती थी, जबकि मैं मुंबई में था. हमारी मुलाकात काफी संयोग से हुई. जब मैंने उससे पूछा कि क्या वह शादी करेगी, तो उसने कहा, ‘शादी? मैं?’ किसी के द्वारा इस तरह का सवाल पूछे जाने के विचार से वह पूरी तरह से अचंभित थी. उसने कभी मुझसे शादी करने के बारे में गंभीरता से नहीं सोचा था.”
शादी में केवल अंगूठी पहनी थी
कल्पना दास कासरगोड़ स्थित केंद्रीय रोपड़ फसल अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. पीके दास की पुत्री हैं. मूल रूप से ओडिशा के रहने वाले डॉ. पीके दास अपने परिवार के साथ कासरगोड़ में रहते थे. कल्पना ने अपनी प्राथमिक शिक्षा कंजंगड़ के दुर्गा हाईस्कूल और वहीं से एसएसएलसी की पढ़ाई पूरी की. उन्होंने कासरगोड़ के सरकारी कॉलेज से प्री डिग्री और मंगलापुरम के सेंट एलॉयसियस कॉलेज से डिग्री हासिल की. डीवाई चंद्रचूड़ ने खुलासा किया कि कल्पना दास ने अपनी शादी में सिर्फ अंगूठी पहनी थी और कोई आभूषण नहीं पहना था. उन्होंने बताया कि कल्पना दास ने उनसे यह आश्वासन मिलने के बाद ही शादी के लिए हामी भरी थी कि वो अंगूठी के अलावा कोई और आभूषण नहीं पहनेंगी.
एक-दूसरे को देते हैं पर्याप्त ‘स्पेस’
कल्पना दास के साथ अपने मजबूत बंधन की कुंजी के बारे में डीवाई चंद्रचूड़ ने खुलासा किया था कि वे दोनों ज्यादा मेलजोल पसंद नहीं करते हैं. एक चीज जो उन्हें एक साथ लाती है वह है उनका खाली समय. उन्होंने जिक्र किया कि वे घर पर अपना-अपना काम कर रहे होते हैं, लेकिन उन्हें यह आरामदायक माहौल पसंद है. उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी उनके जीवन में ‘स्पेस’ की जरूरत को भी समझती है. उन्होंने बताया, “हम कभी भी पार्टी में जाना पसंद नहीं करते. आज भी, हम एक ही जगह साझा करते हैं, लेकिन हम अपना-अपना काम कर रहे होते हैं. मैं एक किताब पढ़ रहा हो सकता हूं या संगीत सुन रहा हो सकता हूं. कल्पना एक डॉक्यूमेंट्री देख रही हो सकती है या हमारी दो प्यारी लड़कियों की देखभाल कर रही हो सकती है. हमने पिछले लगभग 16-17 वर्षों में यह सुनिश्चित किया है कि हम एक-दूसरे को पर्याप्त ‘स्पेस’ दें.
2015 में बेटियां बनीं परिवार का हिस्सा
डीवाई चंद्रचूड़ और कल्पना दास ने दो विशेष जरूरतों वाली बच्चियों प्रियंका और माही को गोद लिया है. पूर्व सीजेआई ने ‘द वीक’ को बताया कि उनकी दोनों बेटियों ने उनके और उनकी पत्नी के जीवन को कई तरीकों से नया रूप दिया है. उन्होंने कहा कि प्रियंका और माही से उनकी पहली मुलाकात 2015 में हुई थी जब वह इलाहाबाद हाई कोर्ट में थे. प्रियंका और माही चंद्रचूड़ और कल्पना के साथ दिल्ली आ गईं, जहां उनकी शिक्षा शुरू हुई. डीवाई चंद्रचूड़ के पहली पत्नी रश्मि से दो बेटे हैं- अभिनव और चिंतन चंद्रचूड़. अभिनव बॉम्बे हाई कोर्ट में वकालत करते हैं और कई किताबें लिख चुके हैं. जबकि चिंतन भी कानून के पेशे में हैं और विदेश में रहते हैं.
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