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Son withdrew 5 lakh rupees from mother’s account | बेटे ने विधवा मां के खाते से निकाले 5 लाख: कोर्ट में पैसे लौटाने के दबाव में खाई चूहामार दवा; मां बोलीं- प्लॉट मेरे नाम कर दे – Harda News

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हरदा में एक बेटे ने अपनी विधवा मां के बैंक खाते से ऑनलाइन 5 लाख रुपए निकाल लिए। मंगलवार को कोर्ट परिसर में मां की ओर से रुपए मांगने पर बेटे ने चूहामार खाकर आत्महत्या का प्रयास किया। मौके पर मौजूद वकीलों ने उसे तुरंत जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां उसका इ

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खेड़ीपुरा निवासी मनीष का कहना है कि उसने अपनी मां रमाबाई चंदेवा के खाते से फोन पे के जरिए पांच लाख रुपए निकाले थे। उसने दावा किया कि रकम मां की सहमति से निकाली थी और वह किश्तों में पैसे लौटाने को तैयार था, लेकिन मां एकमुश्त राशि की मांग कर रही है। थाने में भी शिकायत दी गई थी। मनीष सब्जी बेचने का काम करता है और इतनी बड़ी रकम एक साथ लौटाना उसके लिए संभव नहीं है।

बेटे ने कोर्ट परिसर में खाया जहर इस मामले में मंगलवार को दोनों पक्ष कुटुंब न्यायालय पंहुचे थे, उस वक्त मां और भाई-बहन भी मौजूद थे। सब मिलकर एकमुश्त पैसे लौटाने का दबाव बना रहे थे। इसी तनाव में मनीष ने जेब से चूहामार निकालकर खा लिया।

मां का आरोप- बेटे ने बिना जानकारी के उड़ाए पैसे

मनीष की मां रमाबाई ने आरोप लगाया कि उनके पति कैलाश चंदेवा की मृत्यु के बाद उन्हें सात लाख रुपए की सहायता राशि मिली थी। 20 जून को आंखों के इलाज के लिए बैंक पहुंचने पर पता चला कि खाते से पैसे निकल चुके हैं। जांच करने पर बेटे के मोबाइल से फोन पे के जरिए ट्रांजैक्शन की जानकारी मिली। उसने पिछले एक साल में कई बार ऑनलाइन शापिंग की और अपने अकाउंट में पैसे ट्रांसफर किए। रमाबाई का कहना है कि बेटा रकम लौटाने से मुकर गया है और अब मानसिक दबाव बना रहा है।

मां बोली- प्लॉट मेरे नाम कर दे रमाबाई के साथ उनकी विधवा बेटी और दो बेटे रहते हैं। एक बेटा बाहर रहकर प्राइवेट नौकरी करता है। मां का कहना है कि मनीष ने एक प्लॉट खरीदा है। अगर वह पैसे नहीं लौटा सकता तो प्लॉट उनके नाम कर दे। उन्होंने बताया कि पैतृक मकान में मनीष को रहने दिया है। अब वह मेहनत-मजदूरी करके अपना भरण-पोषण कर रही हैं।

थाना प्रभारी बोले- किश्तों में चुकाने की बात हुई थी

इस मामले को लेकर सिविल लाइन थाना टीआई संतोष सिंह चौहान ने बताया कि बेटे ने मां के अकाउंट पर अपना मोबाइल नंबर देकर करीब साढ़े पांच लाख की शॉपिंग कर ली थी। जब मां को बैंक में रुपए नहीं होने की बात पता चली तो वह थाने आई थी। जहां बेटे को बुलाकर पचास हजार रुपए दिलवा दिए है। बेटा छह हजार रुपए महीने की किश्त देने को राजी हुआ था। इस मामले में दोनों पक्षों को घरेलू विवाद को आपसी सहमति से सुलझाने को लेकर समझाइश दी गई है।

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