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अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) भोपाल के वर्तमान निदेशक डॉ. अजय सिंह को उत्तर प्रदेश के प्रतिष्ठित आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय (सैफई, इटावा) का नया कुलपति नियुक्त किया गया है। उनकी यह महत्वपूर्ण नियुक्ति कुलाधिपति की स्वीकृति के बाद की गई है।
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डॉ. अजय सिंह चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा प्रबंधन के क्षेत्र में एक गहरा और प्रभावशाली अनुभव रखते हैं। उनके नेतृत्व में AIIMS भोपाल ने उल्लेखनीय प्रगति की है। उनके तीन साल के कार्यकाल में संस्थान ने कई बड़ी उपलब्धियां हासिल कीं, खासकर मरीजों की सेवा, अनुसंधान और चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार में।
AIIMS भोपाल में डॉ. सिंह के कार्यकाल की प्रमुख उपलब्धियां:
- वर्ष 2022-23 की तुलना में 2023-24 में 58.7 प्रतिशत अधिक (कुल 58,762) मरीजों को भर्ती कर इलाज दिया गया। बड़ी सर्जरियों में 18.6 फीसदी, रेडियोलॉजी जांच में 26.9 फीसदी और लैब टेस्ट में 15.4 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई।
- आयुष्मान योजना के तहत प्रति वर्ष 42.72 करोड़ रुपए के क्लेम सफलतापूर्वक प्राप्त किए गए।
- प्रति वर्ष 10.5 लाख से अधिक मरीजों की ओपीडी तक पहुंच सुनिश्चित हुई। हार्ट ट्रांसप्लांट, किडनी ट्रांसप्लांट और बोन मैरो ट्रांसप्लांट जैसी अति-विशिष्ट सुविधाएं शुरू की गईं।
- इमरजेंसी और ट्रॉमा के मरीजों के लिए 24×7 ऑपरेशन सुविधा और इमरजेंसी ओपीडी सेवा शुरू की गई, जिससे गंभीर मरीजों को तत्काल सहायता मिली।
- आर्टिफिशियल हार्ट व लंग मशीन, नई एडवांस कैथलैब, डेक्सा स्कैन, जीआई एंडोस्कोपी और कोबास 5800 जैसी आधुनिक चिकित्सा मशीनें स्थापित की गईं, जिससे निदान और उपचार की गुणवत्ता में सुधार हुआ।
- अनुसंधान और शैक्षणिक उत्कृष्टता- प्रति वर्ष 300 रिसर्च ‘पब मेड’ (Pub Med) में प्रकाशित हुईं, जो संस्थान के अनुसंधान कौशल को दर्शाता है। साथ ही, हर साल 155 से अधिक प्रोजेक्ट के लिए 60 से 80 करोड़ रुपए का ग्रांट भी प्राप्त हुआ।
- मानव संसाधन विकास- स्टाफ के खाली पड़े 85 प्रतिशत पदों को भरा गया, जिससे सेवाओं की गुणवत्ता और कार्यबल की क्षमता बढ़ी।
- ‘वन हेल्थ, वन स्टेट’ जैसी महत्वपूर्ण योजना तैयार की गई, जो राज्य स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं के एकीकरण का लक्ष्य रखती है।
उत्तर प्रदेश में बड़े बदलाव की उम्मीद डॉ. अजय सिंह की उत्तर प्रदेश के आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय में नियुक्ति से सैफई स्थित इस प्रतिष्ठित संस्थान में शैक्षणिक और प्रशासनिक स्तर पर बड़े बदलावों की संभावना है। विशेषज्ञों का मानना है कि AIIMS जैसी शीर्ष संस्था में कार्य करने का उनका व्यापक अनुभव उत्तर प्रदेश में आयुष शिक्षा और चिकित्सा सेवाओं को एक नई दिशा दे सकता है, जिससे राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र को भी फायदा मिलेगा।
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