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नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला. (फाइल फोटो)
उन्होंने कहा, “जब बी आर आंबेडकर ने संविधान बनाया था, तब सभी को वोट देने का अधिकार था. फिर 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों को वोट देने का अधिकार देने के लिए इसमें संशोधन किया गया. आज, वे (निर्वाचन आयोग) एक नया कानून लेकर आए हैं जो संविधान के खिलाफ है. वे अपने आका को खुश करने की कोशिश कर रहे हैं. अपने आका को खुश करने के लिए वे सब कुछ त्यागने को तैयार हैं.”
निर्वाचन आयोग ने 24 जून को बिहार में मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण करने के निर्देश जारी किए, जिसका उद्देश्य अपात्र नामों को हटाना तथा केवल पात्र नागरिकों के नाम ही मतदाता सूची में शामिल करना है. बिहार में ऐसा अंतिम पुनरीक्षण 2003 में किया गया था.
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h…और पढ़ें
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h… और पढ़ें
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