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एफडी से अच्छा इस पेड़ में डाल देते पैसा, इतनी होती कमाई कि संभालना हो जाता मुश्किल, हरियाली मिलती सो अलग

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नई दिल्ली. भारत में निवेश के ढेरों विकल्पों के बीच अब एक दिलचस्प मुकाबला सामने आया है. बैंकों की फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और सागौन यानी टीक की खेती के बीच. एक तरफ है 8% का गारंटीड रिटर्न, जो सुकून और सुरक्षा देता है. दूसरी ओर है हरियाली से भरपूर लेकिन धैर्य की मांग करने वाला टीक प्लांटेशन, जो 20-25 साल में लाखों की कमाई का वादा करता है. ऐसे में सवाल उठता है: तेज मुनाफा या टिकाऊ दौलत? आइए जानते हैं दोनों विकल्पों की ताकत, जोखिम और असली फायदों को विस्तार से.

टीक भारत में एक कीमती लकड़ी मानी जाती है, जो खासतौर पर कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु जैसे गर्म व आर्द्र जलवायु वाले इलाकों में उगाई जाती है. इसकी पूरी पैदावार में करीब 20-25 साल का वक्त लगता है. एक एकड़ टीक बागान से 20-25 साल बाद ₹10-15 लाख तक की आमदनी हो सकती है, जिसमें प्रति पेड़ ₹5,000-7,000 तक मिल सकते हैं. हालांकि, पहले 10-15 साल में की गई थिनिंग (कमजोर पेड़ों की कटाई) से ₹1-2 लाख की आंशिक कमाई भी हो सकती है. साथ ही, लकड़ी की कीमतों में महंगाई के साथ इजाफा होता है, जिससे लंबे समय में अच्छा फायदा मिलता है. इसमें ₹25,000-40,000 प्रति एकड़ की शुरुआती लागत लगती है, जिसमें पौधों की खरीद, जमीन की तैयारी और शुरुआती सिंचाई-पेस्ट कंट्रोल शामिल हैं. लेकिन इसमें मौसम, कीटों और अवैध कटाई का जोखिम बना रहता है. साथ ही कुछ राज्यों में कानूनी अनुमति भी ज़रूरी होती है.

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हाई रिटर्न FD: सुरक्षित और आसान विकल्प

दूसरी ओर, फिक्स्ड डिपॉजिट यानी FD भारत का पारंपरिक और सबसे सुरक्षित निवेश विकल्प माना जाता है. फिलहाल एफडी पर सर्वाधिक ब्याज कुछ स्मॉल फाइनेंस बैंक दे रहे हैं और इनका ब्याज 8.5% तक सालाना (विशेष रूप से ₹2 करोड़ से ऊपर की राशि पर) तक जाता है. जबकि आम तौर पर 1-3 साल की FD पर 7.5-8% का रिटर्न मिल रहा है. अगर ₹1 लाख की FD 8% सालाना रिटर्न पर की जाए, तो दो साल में यह ₹1.16 लाख तक हो सकती है (चक्रवृद्धि ब्याज के साथ). यह पूरी तरह सुरक्षित होती है, क्योंकि ₹5 लाख तक की राशि DICGC द्वारा बीमा सुरक्षित होती है. साथ ही, जरूरत पड़ने पर आंशिक निकासी या प्रीमैच्योर क्लोजर संभव है.

कौन-सा विकल्प बेहतर?

अगर बात करें अल्पकालिक यानी 1-3 साल की जरूरतों की, तो FD एकदम उपयुक्त है. इसमें न सिर्फ निश्चित रिटर्न मिलता है, बल्कि तरलता (liquidity) भी बनी रहती है. इसके उलट टीक प्लांटेशन में कोई तुरंत मुनाफा नहीं होता और निवेश लंबी अवधि के लिए फंसा रहता है. हालांकि, अगर किसी निवेशक के पास जमीन है या वह उसे लीज पर ले सकता है और उसे 20 साल तक इंतजार करने की क्षमता है, तो टीक प्लांटेशन ₹10-15 लाख प्रति एकड़ तक की संभावित कमाई के साथ बेहतरीन विकल्प हो सकता है. लेकिन इसमें जोखिम भी FD की तुलना में कहीं अधिक है.

नतीजा क्या निकला?

अगर आप अल्पकालिक सुरक्षित निवेश चाहते हैं, तो 8% रिटर्न वाला FD एक स्थिर विकल्प है. वहीं, यदि आप लंबी अवधि की योजना के साथ ज्यादा मुनाफा और हरियाली में निवेश चाहते हैं, तो टीक प्लांटेशन बेहतर है. चुनाव आपकी जोखिम उठाने की क्षमता, निवेश अवधि और लक्ष्य पर निर्भर करता है. टीक में निवेश से पहले कृषि विशेषज्ञ से सलाह लें और FD के लिए विश्वसनीय बैंक या एनबीएफसी की जांच जरूर करें.

(यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से प्रस्तुत किया गया है. News18 किसी भी प्रकार की वित्तीय सलाह नहीं देता है. निवेश से जुड़े निर्णय लेने से पहले किसी प्रमाणित वित्तीय सलाहकार या विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें.)

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