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शस्त्र लाइसेंसधारियों द्वारा शस्त्र लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए आवेदन पत्र मय चालानों की प्रति सहित कार्यालय में प्रस्तुत किए गए थे। जिनमें से कुछ शस्त्र लाइसेंसधारियों के आवेदन पत्र के साथ संलग्न चालानों की राशि एवं नामों का सत्यापन न होने के कारण शस्त्र लाइसेंसधारियों को कथन के लिए बुलाया गया था। जिसमें से 14 शस्त्र लाइसेंसधारियों द्वारा शपथ पत्र दिए गए एवं अलग अलग कथन दर्ज कराए गए कि उनका शस्त्र लाइसेंस नवीनीकरण के लिए आवेदन पत्र एवं चालानों की राशि भी पदम सिंह द्वारा जमा कराई गई है। आवेदन पत्र और जमा किए गए चालानों की प्रति प्रदाय की गई थी। आवेदन पत्र एवं चालान कार्यालय में जमा किया गया। प्रस्तुत आवेदन पत्र में लगाए गए चालानों का सत्यापन कराया गया। इनमें मद 0055 में 51500 रुपये तथा मद 0030 में 21000 रुपये इस तरह कुल 72500 रुपये के फर्जी चालान पाए गए हैं। इसलिए पदम सिह के विरुद्ध शस्त्र लाइसेंस नवीनीकरण के लिए प्रस्तुत आवेदन पत्रों में कूट रचित चालानों को बनाने के संबंध में प्राथमिकी दर्ज कराने की कार्रवाई के लिए कहा गया है।
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सुरक्षा गार्ड ने किया था खुलासा
दरअसल जिले में बड़ी मात्रा में शस्त्र लाइसेंस नवीनीकरण के लिए पेंडिंग हैं। एक निजी अस्पताल के सुरक्षा गार्ड का शस्त्र लाइसेंस भी काफी समय से नवीनीकरण के लिए पेंडिंग था। पिछले दिनों उसने जनसुनवाई में कलेक्टर को इस बात से अवगत कराया और बताया कि अर्जिनवीस के माध्यम से उसने आवेदन किया है। कलेक्टर कोचर ने आवेदन निकलवाया तब इस मामले का खुलासा हुआ और अन्य लोगों के आवेदन में भी इसी प्रकार के फर्जी चलान पाए गए। जांच के बाद गुरुवार को एडीएम ने अर्जीनवीस पर एफआईआर के लिए पत्र लिखा है।
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