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अस्पताल परिसर की दीवार को हरा कर झंडा लगा दिया है।
भोपाल का हमीदिया अस्पताल परिसर एक बार फिर धार्मिक अतिक्रमण और तनाव का केंद्र बन गया है। शुक्रवार को अस्पताल के ब्लॉक-2 के पीछे इमरजेंसी के पास की बाउंड्रीवॉल पर कुछ लोगों ने हरे रंग से पेंट करने के बाद वहां झंडा लगा दिया।
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यही नहीं, बाहरी लोग वहां धार्मिक गतिविधियां करने लगे। जब अस्पताल के जूनियर डॉक्टर और कर्मचारियों को इसकी जानकारी लगी तो उन्होंने मौके पर पहुंचकर विरोध दर्ज कराया। इस दौरान कहासुनी और विवाद की स्थिति बन गई।
मामला बढ़ने पर पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। जूनियर डॉक्टरों के संगठन जूडा ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी शिकायत अस्पताल प्रबंधन सहित पुलिस से की है। जूडा के अध्यक्ष कुलदीप गुप्ता ने कहा कि इस मामले की शिकायत पुलिस और अस्पताल प्रबंधन से की गई है।
पुराना है अतिक्रमण का विवाद यह कोई पहला मामला नहीं है जब हमीदिया अस्पताल परिसर में धार्मिक अतिक्रमण हुआ हो। पिछले साल भी लाइब्रेरी के पास बनी एक मजार को बढ़ाने को लेकर विवाद खड़ा हुआ था। उस समय सिटी एसडीएम ने अस्पताल परिसर का निरीक्षण कर अतिक्रमण को चिह्नित किया था। इसके बाद जिला प्रशासन, गांधी मेडिकल कॉलेज, पीडब्ल्यूडी, नगर निगम और अन्य विभागों की संयुक्त बैठक कर कार्रवाई करने की बात कही गई थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

इस तरह से हरा झंडा भी लगाया गया।
धर्मस्थलों की संख्या में इजाफा लगभग एक दशक पहले तक हमीदिया अस्पताल परिसर में केवल ऐतिहासिक ढाई सीढ़ी मस्जिद, एक छोटा हनुमान मंदिर, एक मस्जिद और दो छोटी मजारें थीं। लेकिन, बीते दस सालों में यहां तीन नए मंदिर बन गए हैं। आरोप है कि बाहरी लोगों ने पुराने मंदिर में समिति बनाकर दूसरे मंदिर भी खड़े कर दिए हैं।
उधर, एडमिन ब्लॉक के पास स्थित एक छोटी मजार को अतिक्रमण कर बड़ी मस्जिद में तब्दील कर दिया गया है। यह सब कुछ अस्पताल प्रशासन और संबंधित विभागों की मिलीभगत या लापरवाही के चलते होता रहा है।
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