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Indian Railway Fare Hike: बिहार चुनाव में कितना बड़ा मुद्दा बनेगा रेल किराया? जानें तेजस्वी यादव का अटैक प्लान- bihar assembly elections 2025 rail train fare hike major issue for chunav how bjp jdu ljp ham handle tejashwi yadav plan

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Indian Railway Fare Hike: तेजस्वी यादव और महागठबंधन के अन्य नेता रेल किराया वृद्धि को बिहार के आगामी चुनाव में बड़ा मुद्दा बना सकते हैं. 1 जुलाई 2025 से नॉन-एसी कोच में 1 पैसा और एसी कोच में 2 पैसे प्रति किलोमी…और पढ़ें

बिहार चुनाव में क्या बड़ा मुद्दा बनेगा रेल किराया? जानें तेजस्वी का अटैक प्लान

रेल किराया बढ़ना बिहार चुनाव में कितना बड़ा मुद्दा बनेगा?

हाइलाइट्स

  • रेल किराया वृद्धि बिहार चुनाव में मुद्दा बनेगा.
  • तेजस्वी यादव इसे गरीब विरोधी नीति बताकर प्रचार करेंगे.
  • बिहार में रोजाना 1.2 करोड़ यात्री रेल से सफर करते हैं.

पटना. रेल किराया बढ़ना बिहार चुनाव में क्या एक भारी‑भरकम चुनावी मुद्दा बनने जा रहा है? महागठबंधन के तमाम नेताओं के साथ-साथ आरजेडी के सीएम फेस तेजस्वी यादव भी क्या इसे चुनावी मुद्दा बनाएंगे? भारतीय रेलवे ने 1 जुलाई 2025 से रेल यात्री के किराये में बढ़ोतरी कर दी है. लंबी दूरी की यात्रा के लिए नॉन-एसी कोच में प्रति किलोमीटर 1 पैसा और एसी कोच में 2 पैसे की बढ़ोतरी का फैसला लिया गया है. इससे आम जनता खासकर बिहार के ग्रामीण और मध्यम वर्गीय यात्रियों की जेब पर कितना असर डालेगा? इस बात की चर्चा अभी से शुरू हो गई है. इस मुद्दे को भुनाने के लिए राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव और महागठबंधन के अन्य सहयोगी दल जैसे कांग्रेस और वामपंथी पार्टियां इसे केंद्र और राज्य की एनडीए सरकार के खिलाफ हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की तैयारी में हैं.

रेलवे के आंकड़ों के अनुसार, बिहार में रोजाना करीब 1.2 करोड़ यात्री रेल से सफर करते हैं, जिनमें से 70% नॉन-एसी कोच में यात्रा करते हैं. बिहार जैसे राज्य में, जहां रेलवे परिवहन का मुख्य साधन है और लोग रोजगार, शिक्षा, और अन्य जरूरतों के लिए लंबी दूरी की यात्रा करते हैं. यह किराया वृद्धि जनता के लिए बोझ बन सकती है. उदाहरण के लिए दिल्ली से पटना लगभग 1000 किमी की यात्रा में स्लीपर क्लास का किराया 10 रुपये और एसी-3 टियर में 20 रुपये तक बढ़ सकता है. रेल मंत्रालय का अनुमान है कि इस वृद्धि से वित्त वर्ष 2025-26 में 920 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा, लेकिन यह कदम बिहार के मतदाताओं में असंतोष पैदा कर सकता है.

तेजस्वी यादव और महागठबंधन की रणनीति

तेजस्वी यादव, जो पहले ही बेरोजगारी और पलायन जैसे मुद्दों को उठाकर बिहार के युवाओं को साधने की कोशिश कर रहे हैं, अब रेल किराया वृद्धि को केंद्र की बीजेपी सरकार और नीतीश कुमार की डबल इंजन सरकार के खिलाफ हमले का हथियार बना सकते हैं. तेजस्वी ने हाल ही में पीएम मोदी की रैलियों पर 20,000 करोड़ रुपये खर्च का आरोप लगाते हुए जनता के पैसे की बर्बादी का मुद्दा उठाया था. अब वह किराया वृद्धि को “गरीब विरोधी नीति” बताकर एनडीए को घेरने की रणनीति बना रहे हैं.

ग्रामीण इलाकों में कितना बड़ा मुद्दा बनेगा?

महागठबंधन में शामिल कांग्रेस भी इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश में है. पार्टी ने 90 सीटों पर दावेदारी ठोकी है और ग्रामीण इलाकों में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए किराया वृद्धि को गरीब और मध्यम वर्ग के खिलाफ नीति के रूप में प्रचारित कर रही है. कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “बिहार में रेलवे आम आदमी की जीवनरेखा है. इस वृद्धि से ग्रामीण मतदाता नाराज हैं, और हम इसे चुनाव में प्रमुखता से उठाएंगे.” वामपंथी दल, जैसे भाकपा और भाकपा (माले), भी इस मुद्दे को मजदूर और गरीब वर्ग के हितों से जोड़कर प्रचार करने की योजना बना रहे हैं.

बिहार में रेल यात्रा का आंकड़ा

रेलवे के आंकड़ों के मुताबिक, बिहार में 2024-25 में 736 करोड़ यात्रियों ने रेल यात्रा की, जिससे 75,215 करोड़ रुपये की आय हुई. बिहार के प्रमुख स्टेशनों, जैसे पटना, गया, और मुजफ्फरपुर, से रोजाना लाखों यात्री सफर करते हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में स्लीपर और जनरल क्लास की हिस्सेदारी 37% है, जबकि लोकल ट्रेनें 57% यात्रियों को ढोती हैं. किराया वृद्धि का असर लंबी दूरी की यात्रा करने वाले 30-40% यात्रियों पर पड़ेगा, जो चुनाव में मतदाताओं की नाराजगी को बढ़ा सकता है.

कुलिमिलाकर बिहार विधानसभा चुनाव में रेल किराया वृद्धि एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन सकता है, खासकर ग्रामीण और मध्यम वर्गीय मतदाताओं के बीच. तेजस्वी यादव और महागठबंधन इसे गरीब विरोधी नीति के रूप में प्रचारित कर एनडीए को घेरने की कोशिश करेंगे. बेरोजगारी, पलायन और अब किराया वृद्धि जैसे मुद्दों को जोड़कर महागठबंधन बिहार के 8 करोड़ मतदाताओं, खासकर यादव और अन्य पिछड़ा वर्ग को साधने की रणनीति पर काम कर रहा है. दूसरी ओर, एनडीए इस वृद्धि को राजस्व बढ़ाने और बेहतर सेवाओं के लिए जरूरी बता सकती है.

रविशंकर सिंहचीफ रिपोर्टर

भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा…और पढ़ें

भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा… और पढ़ें

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