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महाराष्ट्र के बाद कर्नाटक ने बनाया बॉर्डर अफेयर मिनिस्टर, इस मंत्रालय की क्‍या है जरूरत, जानें जिम्‍मेदारियां – After Maharashtra Karnataka appoint Border Minister what is the power and responsibility of special ministry

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Karnataka Border Minister: कर्नाटक सरकार ने बॉर्डर मंत्री के नाम की घोषणा की. महाराष्‍ट्र के बाद कर्नाटक दूसरा ऐसा राज्‍य बन गया है जिसके पास बॉर्डर मंत्री है. बड़ा सवाल यह है कि आखिर इन दोनों राज्‍यों को बॉर्ड…और पढ़ें

कर्नाटक ने बनाया बॉर्डर मंत्री, इस मंत्रालय की क्‍या है जिम्‍मेदारी? जानें

कर्नाटक सरकार ने मंत्री की घोषणा की. (News18)

हाइलाइट्स

  • महाराष्‍ट्र ने पहले बॉर्डर मिनिस्‍टर बनाने की घोषणा की थी.
  • अब कर्नाटक सरकार ने भी अपने बॉर्डर मिनिस्‍टर का ऐलान कर दिया.
  • बेलागावी विवाद के बीच दोनों राज्‍यों ने बॉर्डर मंत्री की नियुक्ति की है.

नई दिल्‍ली. कुछ वक्‍त पहले महाराष्‍ट्र सरकार ने राज्‍य में बॉर्डर मिनिस्‍टर की नियुक्ति की थी. आज कर्नाटक सरकार ने भी अपने बॉर्डर मंत्री का ऐलान कर दिया है. कानून मंत्री एचपी पाटिल को इस मंत्रालय की जिम्‍मेदारी दी गई है. देश में केवल ये दो राज्‍य ही हैं जहां बॉर्डर मिनिस्‍टर हैं. अब बड़ा सवाल यह है कि अगर अंतरराष्‍ट्रीय सीमाओं की निगरानी और देख रेख के लिए केंद्र इस तरह के मंत्रालय का गठन करे तो बात समझ में आती है लेकिन आखिर राज्‍यों को बॉर्डर मंत्री नियुक्‍त करने की क्‍या जरूरत है. इस मंत्रालय के पास क्‍या जिम्‍मेदारियां हैं? चलिए हम आपको इसके बारे में विस्‍तार में बताते हैं.

कर्नाटक और महाराष्‍ट्र ने ही क्‍यों बनाया बॉर्डर मंत्री?

दरअसल, साल 1957 में भाषा के आधार पर राज्‍यों का गठन किया गया था. तब महाराष्‍ट्र और कर्नाटक राज्‍य अस्तित्‍व में आए. तभी से ही दोनों राज्‍यों के बीच बेलागावी को लेकर विवाद चल रहा है. यह वो क्षेत्र है जो मौजूदा वक्‍त में कर्नाटक के पास है लेकिन महाराष्‍ट्र इसपर अपना दावा पेश करता रहा है. यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है. इस क्षेत्र के मराठी भाषी होने के कारण महाराष्‍ट्र इसे अपने प्रदेश का हिस्‍सा बनाना चाहता है. सीएम देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्‍व में महाराष्‍ट्र एकीकरण समिति (MES) का गठन किया गया था, जिसमें दोनों डिप्‍टी सीएम से लेकर विपक्ष के नेता भी शामिल हैं. इस समिति का मकसद बेलागावी को महाराष्‍ट्र का हिस्‍सा बनाने के लिए संघर्ष करना है. इसी विवाद के मद्देनजर महाराष्‍ट्र के बाद अब कर्नाटक ने बॉर्डर मिनस्‍टर नियुक्‍त किया है.

क्‍या हैं स्‍टेट बॉर्डर मिनिस्‍टर की जिम्‍मेदारियां?

देश के संविधान में स्‍टेट बॉर्डर मिनिस्‍टर की भूमिका और पावर परिभाषित नहीं की गई है. मोटे तौर पर स्‍टेट बॉर्डर मिनिस्‍टर की जिम्‍मेदारी सुप्रीम कोर्ट या अन्य न्यायाधिकरणों में राज्य की कानूनी टीम के साथ सहयोग करना है. महाराष्ट्र में इस मिनिस्‍टर की भूमिका बेलगावी में MES जैसे संगठनों से लगातार संवाद करना. विवादित सीमावर्ती गांवों का दौरा करना, लोगो की शिकायतें सुनना, वहां राहत पहुंचाना, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में बुनियादी नागरिक सेवाएं सुनिश्चित करना शामिल है. इसके अलावा यह मंत्रालय राज्य और केंद्र सरकार के बीच समन्वय स्‍थापित करेगा. मंत्री जी केंद्रीय गृह मंत्रालय के साथ सीमा विवाद पर बातचीत करेंगे और सीएम-स्तरीय बैठकें आयोजित कर सकते हैं. अनिवार्य रूप से वो राज्य की सीमा नीति के राजनीतिक प्रशासनिक चेहरे के रूप में कार्य करेंगे.

Sandeep Gupta

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और…और पढ़ें

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और… और पढ़ें

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